मुंबई, 20 जून . आयुष्मान खुराना की पत्नी और लेखिका ताहिरा कश्यप ने सोशल मीडिया पोस्ट पर अपने अनुभव, भावनाएं और जिंदगी के बारे में कुछ गहरी बातें साझा की.
ताहिरा ने इंस्टाग्राम पर एक वीडियो शेयर किया, जिसमें उन्होंने बताया कि महिलाओं के जीवन में अलग-अलग पहचान होती हैं. उन्होंने ‘मैं कौन हूं?’ ये कहते हुए वीडियो शुरू किया और कहा कि यह सवाल बहुत गहरा है और अक्सर लोग इसे थेरेपी में या जिंदगी के बारे में सोचते हुए पूछते हैं. लोगों के लिए हमको कुछ खास नाम या पहचान देना आसान होता है, लेकिन असल में किसी एक नाम या पहचान में पूरे इंसान को बंद करना बहुत मुश्किल होता है. इंसान की पहचान बहुत सारी चीजों से बनती है, और उसे सिर्फ एक लेबल में रखना सही नहीं है.
ताहिरा ने लोगों से कहा कि वे समाज के बनाए हुए सांचे से बाहर निकलकर अपनी पहचान को अपनाएं और छोटी-छोटी चीजों में खुशी ढूंढे. उन्होंने आगे कहा कि वह खुद किताब की वे लाइनें हैं, जिन्हें केवल उनकी खूबसूरती के लिए नहीं, बल्कि उनके गहरे मतलब के लिए भी पढ़ा जाता है.
ताहिरा कश्यप ने अपने वीडियो के साथ कैप्शन में लिखा, ”आज आप कौन हैं? आप क्या देख रहे हैं?”
वीडियो में वह कहती है, ”मैं कौन हूं? ये एक गहरा सवाल है, जो लोग अक्सर थेरेपी में या जिंदगी के बारे में सोचते हुए पूछते हैं. मैं एक मां हूं, पत्नी हूं, बेटी हूं, बहन हूं, कामकाजी हूं, गृहिणी हूं, कैंसर सर्वाइवर हूं. लोगों के लिए हमें नाम देना तो आसान है, लेकिन हमें एक बॉक्स में रखना बहुत मुश्किल है. हमारी ताकत और संभावनाएं बहुत बड़ी और रहस्यमय हैं, जिन्हें हम खुद अपनी सीमाओं के चलते कम आंक देते हैं.”
ताहिरा आगे कहती है, ”अब समय आ गया है कि अपनी पहचान की सीमाओं से बाहर निकलें. खुद को चमकने दें. जहां से भी मुझे प्यार मिलता है, मैं उसे स्वीकार करती हूं. मुझे छोटी-छोटी चीजों में खुशी मिलती है. मैं योग से मिलने वाली ऊर्जा और ताजगी महसूस करती हूं, जो स्वास्थ्य के लिए अच्छी है. मैं एक फूल की तरह खिलती हूं. मैं खुद को एक किताब की उस लाइन के रूप में देखती हूं, जिसे बार-बार पढ़ा जाता है, क्योंकि उस लाइन में सिर्फ खूबसूरती ही नहीं, बल्कि ज्ञान भी छिपा होता है. अगर मैं खुद को मौका दूं तो मैं आज जो हूं, उससे भी कहीं ज्यादा बन सकती हूं.”
इसके बाद ताहिरा फिर वीडियो में सवाल करती हैं, ‘मैं कौन हूं?’ और कहती हैं, ”यह सवाल अक्सर पूछना चाहिए क्योंकि इससे हमें अपनी असली पहचान और वो चीजें समझ में आती हैं जिन्हें दूसरों ने कभी देखा नहीं.”
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पीके/एएस