नई दिल्ली, 28 सितंबर . प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी शनिवार को जम्मू दौरे पर थे. यहां उन्होंने चुनावी सभा को संबोधित किया. प्रधानमंत्री ने इस दौरान सर्जिकल स्ट्राइक का जिक्र किया. पीएम ने कहा, आज 28 सितंबर है, साल 2016 में आज की रात सर्जिकल स्ट्राइक हुई थी. भारत ने दुनिया को बता दिया था कि ये नया भारत है, घर में घुस कर मारता है.
प्रधानमंत्री के इस बयान पर कांग्रेस नेता राशिद अल्वी ने पलटवार किया. उन्होंने कहा, सर्जिकल स्ट्राइक हुई या नहीं, यह अलग सवाल है. लेकिन, क्या उन्हें याद नहीं है कि इंदिरा गांधी ने पाकिस्तान को दो भागों में बांटा था. आज बांग्लादेश अलग देश है. इंदिरा गांधी या फिर कांग्रेस पार्टी ने कभी भी इस पर राजनीति नहीं की. प्रधानमंत्री समझते हैं कि सर्जिकल स्ट्राइक इतना बड़ी घटना थी कि लोग उन्हें वोट करेंगे. प्रधानमंत्री तो राम की राजनीति करते हैं, पाकिस्तान की राजनीति करते हैं. जनता के लिए प्रधानमंत्री कोई काम नहीं करते हैं. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी व गृह मंत्री अमित शाह पीओके के संबंध में बयान तो देते हैं. लेकिन, पीओके को जम्मू-कश्मीर में शामिल कराने को लेकर कोई कदम नहीं उठाते हैं.
इसके साथ ही हरियाणा के पूर्व मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने एक बयान दिया, जिसमें उन्होंने कहा है कि किसान आंदोलन के दौरान किसानों का मकसद कुछ और था, इस पर जब राशिद अल्वी कहा कि, किसानों की आस्था का मजाक मत बनाइए. कंगना रनौत के साथ क्या हुआ, उससे तो सबक सीखना चाहिए.
राहुल गांधी ने कहा कि अयोध्या में राम मंदिर प्राण प्रतिष्ठा समरोह सिर्फ नाच गाने का कार्यक्रम था, इस सवाल के जवाब में कांग्रेस नेता राशिद अल्वी ने कहा, अयोध्या में जो हुआ, वह सिर्फ राजनीति के लिए हुआ. लोकसभा का चुनाव नजदीक था. इसलिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने यह कार्यक्रम किया, जबकि, मंदिर का निर्माण कार्य अधूरा था.
धर्म का प्रतिनिधित्व करने वाले शंकराचार्य ने कहा था, अभी मंदिर अधूरा है और अभी प्राण प्रतिष्ठा का कार्यक्रम नहीं किया जा सकता. उन्होंने कहा, अयोध्या के साथ ही साथ तिरुपति बालाजी के मंदिर के प्रसाद में मिलावट की खबर सामने आई. वहां लड्डू में जानवरों की चर्बी मिलाई जा रही है. भाजपा की सरकारों में पूरे देश में आस्था के साथ खिलवाड़ हो रहा है.
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