पड़ोसी मुल्कों में अल्पसंख्यकों पर अत्याचार होता है तो वो भारत आते हैं : किरेन रिजिजू

नई दिल्ली, 14 दिसंबर . लोकसभा में संविधान पर चर्चा का शनिवार को दूसरा दिन है. इस दौरान संसदीय कार्य मंत्री किरेन रिजिजू ने पड़ोसी मुल्कों पर अल्पसंख्यकों पर हो रहे अत्याचार का मुद्दा उठाया. बोले, वो हमारे यहां संरक्षण लेने के लिए आते हैं, क्योंकि वो यहां पर सुरक्षित हैं.

संविधान पर चर्चा के दूसरे दिन लोकसभा में रिजिजू ने कहा, “हमारे देश का संविधान दुनिया का सबसे बड़ा ही नहीं बल्कि खूबसूरत संविधान भी है. इसमें सब कुछ है. पिछले कई सालों में मैंने कई संविधानों को जानने की कोशिश की. वहीं, अपने संविधान के प्रावधानों को बारीकी से देखा है इसलिए इसको लेकर हम गौरव महसूस करते हैं. लेकिन कुछ चीजें हैं, जिसको लोगों के सामने दर्शाते समय हमें कुछ बातों का ध्यान रखना चाहिए. ऐसा नहीं बोलना चाहिए, जिससे दुनिया के सामने देश की छवि खराब हो.”

अन्य देशों में अल्पसंख्यकों के साथ हो रहे भेदभाव को लेकर उन्होंने कहा, “ऐसी रिपोर्ट आई है कि इंडोनेशिया में शिया और अहमदिया के बीच भेदभाव किया जाता है. पाकिस्तान की हालत सभी जानते हैं, बांग्लादेश में जो हो रहा है, वो पता है. अफगानिस्तान में हिंदुओं, सिखों, ईसाई की संख्या हो गई ये भी पता है. तिब्बत, म्यांमार, श्रीलंका, बांग्लादेश या पाकिस्तान, अफगानिस्तान है, वहां पर अल्पसंख्यकों पर हमला होता है, तो वो सबसे पहले भारत में संरक्षण लेने के लिए आते हैं. वो यहां पर सुरक्षित हैं, इसलिए ही आते हैं. फिर ऐसा क्यों कहा जाता है कि भारत में अल्पसंख्यक सुरक्षित नहीं है.”

रिजिजू ने कहा, “देश में अल्पसंख्यकों के लिए नेशनल कमीशन ऑफ माइनॉरिटी एक्ट (एनसीएम) बनाया गया है, ऐसा कमीशन किसी दूसरे राष्ट्र में नहीं बनाया गया है. कई एक्ट का जिक्र करते हुए उन्होंने बताया कि देश में अल्पसंख्यकों के लिए कई स्पेसिफिक कानून बनाया गया है.”

उन्होंने कहा, एक-दो जगह कुछ घटनाएं होती होंगी, परिवार में भी होती हैं. लेकिन इस पर यह कहना कि भारत में अल्पसंख्यकों को जगह नहीं दिया जा रहा, लोगों को गुरुद्वारा और दरगाह नहीं जाने दिया जा रहा है, ऐसा क्यों कहते हैं. ऐसी बातों नहीं करनी चाहिए जिससे देश की छवि को नुकसान होता है.

एससीएच/केआर