जब बॉलीवुड के ‘काउबॉय’ फिरोज खान ने गोलीबारी के बीच शूट की थी फिल्म

Mumbai , 24 सितंबर . भारतीय सिनेमा में कुछ कलाकार हुए हैं जिनकी छवि उनके किरदारों से कहीं अधिक बड़ी होती है. फिरोज खान, जिन्हें ‘Bollywood का काउबॉय’ कहा जाता था, ऐसे ही एक विद्रोही और दूरदर्शी व्यक्ति थे.

फिरोज खान एक प्रसिद्ध भारतीय Actor, फिल्म निर्माता और निर्देशक थे, जिन्हें हिंदी सिनेमा में उनके महत्वपूर्ण योगदान के लिए जाना जाता है. उनका जन्म 25 सितंबर 1939 को बैंगलोर में हुआ था और उनका असली नाम सईद अहमद खान था.

फिरोज खान अपनी स्टाइलिश और करिश्माई स्क्रीन प्रेजेंस के लिए जाने जाते थे. फिरोज खान की गहरी आवाज, आकर्षक व्यक्तित्व और पश्चिमी शैली का प्रभाव उनकी पहचान बन गया. फिरोज खान ने अपने करियर में रोमांटिक हीरो से लेकर एक्शन स्टार तक अलग-अलग किरदार निभाए. फिरोज खान की फिल्में अपनी भव्यता, ग्लैमर और बोल्ड कहानियों के लिए जानी जाती थीं. उन्होंने अपने करियर में 60 से अधिक फिल्मों में काम किया था.

उनकी कुछ यादगार फिल्में हैं ‘कुर्बानी’, ‘जांबाज’, ‘वेलकम’, ‘धर्मात्मा’ और ‘दयावान’. इनमें उन्होंने न केवल अभिनय किया बल्कि कई बार निर्माता और निर्देशक की कुर्सी भी संभाली. फिरोज खान ने अपने बैनर एफके इंटरनेशनल के तहत कई यादगार फिल्में बनाईं.

फिरोज खान अपनी शानदार शैली, भव्य फिल्मों और किसी भी जोखिम को उठाने के लिए जाने जाते थे. उनके जीवन का एक ऐसा ही अनोखा किस्सा उनकी बतौर निर्देशक पहली फिल्म ‘धर्मात्मा’ से जुड़ा है, जिसने उनकी हिम्मत और दूरदृष्टि को साबित कर दिया. इस किस्से का जिक्र उनके पुराने इंटरव्यू में मिलता है.

फिरोज खान ने जब अपनी पहली फिल्म ‘धर्मात्मा’ की योजना बनाई, तो वह इसे किसी आम जगह पर नहीं, बल्कि एक ऐसे स्थान पर फिल्माना चाहते थे जहां की खूबसूरती और संस्कृति पूरी तरह से अलग हो. उनकी नजर अफगानिस्तान पर थी, लेकिन उस समय वहां Political अस्थिरता अपने चरम पर थी. वहां की स्थिति इतनी खराब थी कि कोई भी फिल्मकार वहां जाने की हिम्मत नहीं करता था.

लेकिन फिरोज खान ने अपनी टीम के साथ यह जोखिम उठाया और अफगानिस्तान के रेगिस्तानों और पहाड़ों में शूटिंग करने का फैसला किया. उनका मानना था कि उनकी कहानी के लिए यह बैकग्राउंड बिल्कुल परफेक्ट था.

शूटिंग के दौरान एक दिन उनकी टीम पर अचानक गोलीबारी हुई. सभी लोग बहुत डर गए और उन्होंने वापस लौटने का फैसला कर लिया. लेकिन फिरोज खान ने हार नहीं मानी. उन्होंने तुरंत वहां के तत्कालीन President मोहम्मद दाऊद खान से मुलाकात की. उन्होंने President को अपनी फिल्म की कहानी बताई और कहा कि वह यहां की सुंदरता को पूरी दुनिया को दिखाना चाहते हैं.

फिरोज खान की हिम्मत और जुनून देखकर President इतने प्रभावित हुए कि उन्होंने तुरंत उन्हें और उनकी टीम को सुरक्षा प्रदान की. उनकी मदद से फिरोज खान ने अपनी फिल्म की शूटिंग पूरी की.

फिरोज खान का यह किस्सा बताता है कि वह अपनी फिल्मों को भव्य बनाने के लिए किसी भी हद तक जा सकते थे, और उनका यही जुनून उन्हें Bollywood के सबसे महान और साहसी फिल्मकारों में से एक बनाता है.

जेपी/डीएससी