अमिताभ बच्चन जब किसी कमरे में प्रवेश करते हैं, तो सभी खड़े हो जाते हैं, यह उनकी शक्ति है : करण जौहर

मुंबई, 31 अगस्त . फिल्म निर्माता करण जौहर ने हाल ही में एक पॉडकास्ट के दौरान अपने बचपन के दिनों की बातों को साझा किया था. पॉडकास्ट का नाम था ‘जाने मन’. इस पॉडकास्ट में रैपिड राउंड हुआ, उनसे कुछ सवाल किए गए, जिनका जवाब उन्हें देना था. पॉडकास्ट के दौरान, जब उन्हें पावर और शांति शब्द के बारे में पूछा गया तो उन्होंने पावर के लिए फिल्म अभिनेता अमिताभ बच्चन का नाम सुझाया और शांति के लिए दिवंगत आध्यात्मिक गुरु दादा वासवानी का.

करण ने कहा कि मुझे लगता है कि अमिताभ बच्चन में वह पावर है, जब किसी कमरे में वे प्रवेश करते हैं, तो ज्‍यादातर लोग खड़े हो जाते हैं और उन्हें पता नहीं होता कि वे क्यों खड़े हैं. असल में यही सच्ची शक्ति है.

शांति के लिए दादा वासवानी का नाम लेते हुए करण ने कहा कि वह अब हमारे बीच नहीं हैं. मुझे उनसे मिलकर शांति महसूस हुई और मैंने उनका साक्षात्कार लिया. यकीन मानिए, आध्यात्मिक दुनिया के लोगों से कभी इतना प्रभावित नहीं हुआ. लेकिन मैं उनकी उपस्थिति से बहुत प्रभावित हुआ और मुझे शांति महसूस हुई.

आखिरी बार रणवीर सिंह और आलिया भट्ट अभिनीत ‘रॉकी ​​और रानी की प्रेम कहानी’ का निर्देशन करने वाले करण ने कहा कि उन्हें एक इंसान के तौर पर अपने सफ़र पर गर्व है और वे इसे किसी भी तरह अलग तरीके से जीने का प्रयास नहीं करेंगे.

उन्होंने कहा, मैं कभी भी दूसरे लड़कों की तरह नहीं था, उनकी रुचियां, उनकी शैली, उनके खेल – यह बस मैं नहीं था. मुझे यह समझने में सालों लग गए कि मुझे अलग होने के लिए किसी से माफी मांगने की जरूरत नहीं है. मैं जो हूं, उसे स्वीकार किया है और यही मेरी शक्ति बन गई है.

आज तक, मैंने जिस तरह से जीवन जिया है या जो काम मैंने किया है, उस पर मुझे कभी पछतावा नहीं हुआ है. मैं जो कुछ भी करता हूं, वह खुद के ल‍िए है, बिना किसी खेद के. मैं बस अपनी सच्चाई जीना चाहता हूं.

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