बांग्लादेश : पुलिस के साथ हिंसक झड़प में कई मजूदर घायल, क्या है मामला?

ढाका, 25 मार्च . बांग्लादेश की राजधानी में मंगलवार को पुलिस के साथ हुई झड़प में कई कपड़ा मजदूर घायल हो गए. प्रदर्शनाकरियों ने श्रम भवन से सचिवालय की ओर मार्च करने की थी.

स्थानीय मीडिया की रिपोर्ट के अनुसार, बांग्लादेश भर में कई कारखानों के मजदूर पिछले तीन दिनों से ढाका के श्रम भवन में अपने बकाया वेतन की मांग को लेकर धरना दे रहे थे.

घायल मजदूरों को बाद में इलाज के लिए ढाका मेडिकल कॉलेज अस्पताल (डीएमसीएच) ले जाया गया.

गारमेंट वर्कर्स ट्रेड यूनियन सेंटर के महासचिव सादिकुल रहमान शमीम ने बांग्लादेशी समाचार आउटलेट बीडीन्यूज24 को बताया, “मजदूरों के बैरिकेड तक पहुंचने से पहले ही पुलिस ने आंसू गैस के गोले छोड़े और उन्हें तितर-बितर करने के लिए लाठियां भांजी. जब मजदूरों ने फिर से इकट्ठा होने की कोशिश की, तो पुलिस ने फिर से हस्तक्षेप किया. मैंने खुद सात या आठ मजदूरों को अस्पताल भेजा, लेकिन घायलों की वास्तविक संख्या इससे कहीं अधिक है.”

बांग्लादेश गारमेंट्स एंड स्वेटर्स वर्कर्स यूनियन के एक अन्य नेता ने चेतावनी दी कि अगर ईद से पहले वेतन और बोनस का भुगतान नहीं किया गया तो कर्मचारी त्योहार के दिन मुख्य सलाहकार मुहम्मद यूनुस के कार्यालय का घेराव करेंगे. उन्होंने कहा कि जब तक उनकी मांगें पूरी नहीं हो जातीं, वे विरोध प्रदर्शन जारी रखेंगे.

इससे पहले, धरना-प्रदर्शन के दौरान एक कपड़ा कर्मचारी की मौत के बाद प्रदर्शनकारी वर्कर ने श्रम भवन के अधिकारियों को सात घंटे तक बंधक बनाए रखा. बाद में उच्च स्तरीय सरकारी बैठक के आश्वासन के बाद अधिकारियों को मुक्त किया गया.

हाल ही में, हज़ारों मजदूरों ने फैक्टरी को फिर से खोलने, वार्षिक छुट्टी, बकाया छुट्टी भुगतान और बोनस की मांग को लेकर प्रदर्शन किया और ढाका-मैमनसिंह राजमार्ग को जाम कर दिया. उन्होंने दो घंटे तक राजमार्ग को जाम रखा जिससे यातायात की आवाजाही बाधित रही.

इस सप्ताह की शुरुआत में सैकड़ों श्रमिकों ने वेतन न मिलने के मुद्दे पर गाजीपुर के भोगरा बाईपास चौराहे पर ढाका-तंगैल और ढाका-मैमनसिंह हाईवे को जाम कर दिया था. विरोध प्रदर्शन के कारण पहले से ही भीड़भाड़ वाले क्षेत्र में यातायात जाम की स्थिति पैदा हो गई. प्रदर्शनकारियों ने आरोप लगाया कि 300 से अधिक मजदूरों को उनका वेतन नहीं मिला. अधिकारी बिना कोई वैध कारण बताए उनके वेतन में देरी कर रहे हैं.

स्थानीय मीडिया की रिपोर्ट के अनुसार, पिछले सप्ताह गाजीपुर के कलियाकोइर में कम से कम 15 कपड़ा कारखानों के मजदूरों ने एक कारखाने के बंद होने और श्रमिकों पर कथित हमले के विरोध में ढाका-तंगैल हाईवे को ब्लॉक कर दिया था.

नवंबर 2024 में जारी अंतरराष्ट्रीय श्रम संगठन (आईएलओ) की एक रिपोर्ट के अनुसार, श्रीलंका और भूटान के बाद बांग्लादेश में दक्षिण एशियाई देशों में कम वेतन वाले मजदूरों का तीसरा सबसे बड़ा प्रतिशत है.

अर्थशास्त्रियों का कहना है कि इस बढ़ती असमानता ने कम आय वाले और अकुशल श्रमिकों को भोजन की खपत कम करने के लिए मजबूर किया है.

अगस्त 2024 में मुहम्मद यूनुस के नेतृत्व वाली अंतरिम सरकार के सत्ता में आने के बाद से ही बकाया भुगतान न मिलने और काम करने की बिगड़ती परिस्थितियों को लेकर पूरे देश में श्रमिकों के विरोध और हड़तालों ने जोर पकड़ लिया है.

कई रिपोर्टों से पता चला है कि मजदूरों के लगातार विरोध प्रदर्शन के कारण कई फैक्ट्रियां बंद हो गई हैं, जबकि विरोध मार्च के दौरान कई श्रमिकों की जान भी चली गई या वे गंभीर रूप से घायल हो गए.

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