ढाका, 24 फरवरी . बांग्लादेश में कई बदमाशों ने देश के दक्षिण-पूर्वी तट पर कॉक्स बाजार में स्थित वायुसेना अड्डे पर घात लगाकर हमला किया. यह घटना मुख्य सलाहकार मोहम्मद यूनुस के नेतृत्व वाली अंतरिम सरकार के लिए एक और झटका है जिस पर लगातार आरोप लग रहा है कि वह देश में जारी अराजकता को रोकने के लिए कोई ठोस कदम नहीं उठा रही.
बांग्लादेश सशस्त्र बलों के मीडिया प्रभाग इंटर-सर्विसेज पब्लिक रिलेशंस (आईएसपीआर) ने कहा कि कॉक्स बाजार में वायु सेना बेस से सटे समिति पारा के कुछ बदमाशों ने घात लगाकर हमला किया. वायु सेना इस संबंध में जरूरी कार्रवाई कर रही है.
स्थानीय मीडिया ने बताया कि झड़पों में कई लोग घायल हुए हैं. वायु सेना के जवानों ने स्थानीय समयानुसार सुबह 11.30 बजे प्रदर्शनकारियों पर कई राउंड गोलियां चलाईं.
एक स्थानीय पत्रकार ने बताया, “यह घटना तब हुई जब डिप्टी कमिश्नर ने स्थानीय लोगों से वायु सेना क्षेत्र छोड़ने और खुरुश्कुल हाउसिंग प्रोजेक्ट में जाने के लिए कहा.”
ताजा हिंसक घटना एक बार फिर बांग्लादेश में बढ़ती अशांति को उजागर करती है. अगस्त 2024 में पूर्व प्रधानमंत्री शेख हसीना के नेतृत्व वाली सरकार के पतन के बाद से देश की कानून व्यवस्था नाजुक दौर से गुजर रही है और हिंसक घटनाओं का सिलिसिला जारी है.
रविवार को राजधानी में छात्रों ने हाल के दिनों में महिलाओं और बच्चों के खिलाफ यौन हिंसा की बढ़ती घटनाओं को रोकने में अंतरिम सरकार की नाकामी से नाराज होकर विरोध मार्च निकाला.
ढाका के कई प्रमुख शैक्षणिक संस्थानों जैसे जगन्नाथ विश्वविद्यालय, ईडन कॉलेज, गवर्नमेंट टिटुमिर कॉलेज, यूनिवर्सिटी ऑफ लिबरल आर्ट्स बांग्लादेश (यूएलएबी) और बीआरएसी यूनिवर्सिटी में विरोध प्रदर्शन हुए.
छात्रों ने नारे लगाए, ‘सरकार जागो!, ‘चुप्पी खत्म करो, बलात्कारियों को सजा दो!’, ‘हिंसा बंद करो, महिलाओं की रक्षा करो!’ और ‘बलात्कारियों को फांसी दो!’.
अपराधों को रोकने में प्रशासन की नाकामी का हवाला देते हुए, छात्रों ने बांग्लादेश के गृह मामलों के सलाहकार के इस्तीफे की भी मांग की. छात्रों ने पिछले 48 घंटों में बलात्कार की घटनाओं की खतरनाक संख्या पर सरकार पर निशाना साधा और इसे चरम अराजकता का सबूत बताया.
पिछले सप्ताह बांग्लादेश नेशनलिस्ट पार्टी (बीएनपी) के नेता मोहम्मद बाबुल मिया की बेरहमी से पीट-पीटकर हत्या कर दी गई.
इस महीने की शुरुआत में, बांग्लादेश में खुलना यूनिवर्सिटी ऑफ इंजीनियरिंग एंड टेक्नोलॉजी (केयूईटी) में हिंसक झड़पों में 100 से अधिक छात्र घायल हो गए थे.
वहीं अल्पसंख्यकों के खिलाफ हिंसक घटनाएं लगातार जारी हैं. ऐसे हालात ने दक्षिण एशियाई देश में भारी आक्रोश पैदा कर दिया है. कई लोगों ने यूनुस के इस्तीफे की मांग की है.
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एमके/