कैदियों से मुलाकात के बारे में क्या कहता है दिल्ली जेल मैनुअल

नई दिल्ली, 13 अप्रैल . कैदियों और उनके रिश्तेदारों या दोस्तों के बीच मुलाकातें जेल के मैनुअल के अनुसार आयोजित की जाती हैं और यह बिना किसी अपवाद के सभी कैदियों पर लागू होता है. शीर्ष जेल सूत्रों ने शनिवार को आम आदमी पार्टी (आप) के राज्यसभा सांसद संजय सिंह द्वारा किए गए दावों के जवाब में को यह जानकारी दी.

सिंह ने शनिवार को एक संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करते हुए कहा कि जेल में बंद दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल की पत्नी सुनीता केजरीवाल ने उनसे जेल में मिलने के लिए आवेदन किया था, लेकिन उन्हें बताया गया कि वह उनसे आमने-सामने नहीं मिल सकतीं, बल्कि केवल एक खिड़की के माध्यम से मुलाकात कर सकती हैं.

सूत्रों ने कहा, “इन बैठकों के दौरान एक कांच की खिड़की मौजूद होती है, जिसे ‘जंगला मीटिंग’ के रूप में जाना जाता है. इसमें कैदी और जिस व्यक्ति से वे मिल रहे हैं, उसके बीच खिड़की के दोनों ओर स्थापित फोन के माध्यम से संचार को सक्षम बनाया जाता है. किसी के लिए कोई विशेष व्यवस्था नहीं है.”

सूत्रों ने आगे बताया कि बैठक वीडियो कॉल के जरिए भी हो सकती है.

अधिकारी ने कहा, “मुलाकात के लिए सभी प्रक्रियाएं ऑनलाइन आयोजित की जाती हैं. यह वेबसाइट पर बैठक के लिए आवेदन करने वाले व्यक्ति के विवेक पर निर्भर है कि वह कैदी से जंगला बैठक के जरिये मिलना पसंद करता है या या वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से. कैदी और मुलाकाती को आमने-सामने मिलने की अनुमति देना जेल अधीक्षक पर निर्भर है.”

जेल मैनुअल के अनुसार, प्रत्येक मुलाकात इस उद्देश्य के लिए नियुक्त जेल के एक विशेष हिस्से में होगा.

दिल्ली जेल मैनुअल के अनुसार, “यदि संभव हो तो कैदियों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए ऐसी जगह मुख्य द्वार पर या उसके पास होनी चाहिए. मुलाकात कक्ष में इंटरकॉम सुविधाओं के साथ या किसी अन्य नवीनतम तकनीक से सुसज्जित फाइबर ग्लास विभाजन होगा, ताकि कैदी शांतिपूर्ण मुलाकात कर सकें.

“मुलाकात कक्ष को क्यूबिकल्स में विभाजित किया जाएगा और इसकी दीवारों तथा छतों को ढंकने के लिए ध्वनिरोधी सामग्री होनी चाहिए. हालांकि, जेल अधीक्षक सुरक्षा और अन्य संबंधित पहलुओं पर उचित विचार करने के बाद अच्छे व्यवहार वाले कैदियों को आमने-सामने साक्षात्कार की अनुमति दे सकते हैं.”

जेल मैनुअल में यह भी कहा गया है कि प्रवेश पर, प्रत्येक कैदी को उन व्यक्तियों की एक सूची जमा करनी चाहिए जो उनसे मुलाकात कर सकते हैं और साक्षात्कार परिवार के सदस्यों, रिश्तेदारों तथा दोस्तों तक ही सीमित रहेगा.

इसमें लिखा है, “मुलाकात के दौरान बातचीत निजी और घरेलू मामलों तक ही सीमित होगी, और जेल प्रशासन तथा अनुशासन और अन्य कैदियों या राजनीति का कोई संदर्भ नहीं होगा. एक समय में किसी कैदी से मुलाकात करने वाले व्यक्तियों की संख्या सामान्यतः तीन तक सीमित होगी. अधीक्षक उचित कारणों से किसी भी आगंतुक को किसी भी कैदी से साक्षात्कार करने के लिए प्रतिबंधित कर सकता है.”

मैनुअल में आगे कहा गया है कि किसी आतंकवादी या आतंकवादी के साथ प्रत्येक मुलाकात – चाहे वह सजा काट रहा हो या विचाराधीन कैदी के रूप में रखा गया हो या निवारक हिरासत कानूनों के तहत हिरासत में लिया गया कैदी हो – सहायक अधीक्षक या उससे ऊंचे रैेक वाले अधिकारी की उपस्थिति में होगी.

दिल्ली आबकारी नीति घोटाले में प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) द्वारा गिरफ्तार केजरीवाल को तिहाड़ जेल नंबर-2 में रखा गया है, जहां सुरक्षा कर्मियों का लगातार कड़ा पहरा रहता है और जरूरत पड़ने पर त्वरित प्रतिक्रिया दल (क्यूआरटी) कार्रवाई के लिए तैयार रहते हैं.

जेल नंबर 2 में लगभग 650 कैदी हैं, जिनमें से लगभग 600 को दोषी ठहराया जा चुका है और वे लगातार सीसीटीवी की निगरानी में हैं.

केजरीवाल ने छह व्यक्तियों की एक सूची प्रदान की है, जिसमें पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान और उनके परिवार के सदस्य शामिल हैं, जिनसे वह जेल में मिलना चाहते हैं.

दिल्ली की एक अदालत ने केजरीवाल को 15 अप्रैल तक न्यायिक हिरासत में भेज दिया था. ईडी ने सीएम केजरीवाल को दिल्ली सरकार के अन्य मंत्रियों, आप नेताओं और अन्य व्यक्तियों की मिलीभगत से कथित आबकारी नीति घोटाले का “किंगपिन और मुख्य साजिशकर्ता” बताया है.

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