पुतिन की आंख में आंख मिलाकर क्या बोले थे पीएम मोदी, यूक्रेन के राष्ट्रपति के सामने खुद प्रधानमंत्री ने बताया

नई दिल्ली, 23 अगस्त . प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शुक्रवार को यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोडिमिर जेलेंस्की से द्विपक्षीय वार्ता की. इस मुलाकात के बाद पीएम मोदी ने मीडिया के सामने रूस-यूक्रेन से बिना समय गंवाए बातचीत शुरू करने की वकालत की. इसके साथ पीएम मोदी ने राष्ट्रपति जेलेंस्की के सामने अपने रूस दौरे का भी जिक्र किया और उन्होंने खुद बताया कि रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन की आंख में आंख डालकर उन्होंने क्या कहा था?

प्रधानमंत्री मोदी ने पिछले दिनों रूस के दौरा किया था. इस दौरे को लेकर उन्होंने कहा कि, वहीं भी मैंने साफ-साफ शब्दों में अपनी बात कही है. किसी भी समस्या का समाधान रणभूमि में नहीं होता है, समाधान का रास्ता बातचीत से ही निकलता है, संवाद और डिप्लोमेसी से निकलता है और हमें बिना समय गंवाए उस दिशा में आगे बढ़ाना चाहिए. दोनों पक्षों को साथ मिलकर इस संकट की घड़ी से बाहर निकलने के लिए रास्ते तलाशने होंगे.

उन्होंने कहा कि जब आज हम आमने-सामने मिल रहे हैं तब मैं यूक्रेन की धरती पर आज बच्चों की शहादत की उस जगह को देखकर आया और मेरा मन भरा हुआ है. मैं आज आप से शांति की ओर आगे बढ़ने के मार्ग पर विशेष रूप से चर्चा करना चाहूंगा. मैं आपको विश्वास दिलाना चाहता हूं कि शांति के हर प्रयास में भारत अपनी सार्थक भूमिका के लिए आगे रहा है, व्यक्तिगत रूप से मैं भी इस ओर अपना योगदान कर सकता हूं. यह मैं जरूर करना चाहूंगा. एक मित्र के रूप में मैं आपको विश्वास दिलाता हूं. आज जब मैं यहां आया हूं, कल आपका नेशनल डे है, मैं चाहूंगा हम सब जल्दी से जल्दी शांति के सूरज को उगाता हुआ देखें.

पीएम मोदी ने कहा कि 2021 में ग्लासगो में हम मिले थे और पहली मुलाकात में गहरी मित्रता का अनुभव कर रहे थे. तब आपने मुझे यूक्रेन आने के लिए आग्रह किया था. लेकिन मैं कल्पना नहीं कर सकता हूं कि ऐसी परिस्थिति में यूक्रेन आने की नौबत आएगी. हमारे द्विपक्षीय समझौते में भी ऐसे विपरीत कालखंड में भी प्रगति हो रही है. मैं कह सकता हूं कि ऐसे तनावपूर्ण परिस्थिति में हम दोनों देशों की मैच्योरिटी नजर आ रही है.

उन्होंने कहा कि युद्ध के जब प्रांरभिक दिन थे, भारत के हजारों बच्चे जो यहां शिक्षा लेने के लिए आए थे. वो इस युद्ध के कारण फंसे हुए थे उनको बाहर निकालने में आपने जो मदद की है और जिस संवेदनशीलता के साथ हमारी चिंताओं को समझा और सुलझाने का भरसक प्रयास किया. इसके लिए मेरी और 140 करोड़ भारतीयों की तरफ से और उस संकट की घड़ी से निकलकर आए हुए उन बच्चों और परिवार की तरफ से आज मैं आपका हृदय से आभार व्यक्त करता हूं.

पीएम मोदी ने कहा कि दुनिया अच्छी तरह जानती है कि युद्ध के दौरान हमने दो भूमिकाएं निभाई थी. हमारी पहली भूमिका मानवीय दृष्टिकोण की थी. मैं आपको विश्वास दिलाता हूं कि मानवीय दृष्टिकोण से जिस प्रकार की भी जरूरत होगी, उसके लिए भारत हमेशा आपके साथ खड़ा रहेगा और दो कदम आगे चलेगा. हमने जो दूसरा रास्ता चुना है, वह युद्ध से दूर रहना है, हम बहुत दृढ़ता से युद्ध से दूर रहे हैं. लेकिन, इसका मतलब यह नहीं है कि हम तटस्थ थे, हम तटस्थ नहीं थे, हम पहले दिन से ही पक्षकार रहे हैं और हमारा पक्ष है शांति, हम बुद्ध की धरती से आते हैं जहां युद्ध के लिए कोई स्थान नहीं है, हम महात्मा गांधी की भूमि से आते हैं जिन्होंने पूरी दुनिया को शांति का संदेश दिया है. आज मैं यूक्रेन 140 करोड़ भारतीयों की भावनाएं लेकर आया हूं, 140 करोड़ भारतीयों की भावनाएं मानवता से प्रेरित हैं,आज मैं यूक्रेन की धरती पर शांति का संदेश लेकर आया हूं.

एसके/जीकेटी