पश्चिमी कार्रवाइयां रूस के नए परमाणु सिद्धांत को प्रभावित करेंगी : क्रेमलिन

मॉस्को, 5 सितंबर . क्रेमलिन के प्रवक्ता दिमित्री पेस्कोव का कहना है कि रूस अपने परमाणु सिद्धांत में बदलाव करते समय, अमेरिका और उसके मित्र देशों के कदमों पर गौर करेगा. खासकर तब जब वे बातचीत से इनकार कर रहे हैं.

समाचार एजेंसी शिन्हुआ के अनुसार, बुधवार को व्लादिवोस्तोक में आयोजित पूर्वी आर्थिक मंच में प्रवक्ता ने कहा, “रूस अपने परमाणु सिद्धांत में बदलाव कर रहा है. वह नए तरीके से सोच रहा है जो वर्तमान समय और पश्चिमी देशों की कार्रवाइयों के अनुसार होगा.”

उन्होंने कहा कि इन कार्रवाइयों में पश्चिमी देशों द्वारा रूस के साथ बातचीत करने से इनकार करना, रूसी हितों और सुरक्षा पर हमला तथा यूक्रेन को भड़काने में उनकी भूमिका शामिल है.

पेस्कोव ने कहा, “इसके परिणाम तो होंगे ही. मॉस्को में इसे ध्यान में रखकर ही प्रस्ताव तैयार किया जा रहा है.”

रूस ने हाल ही में कहा है कि वह परमाणु हथियारों के उपयोग की परिस्थितियों को निर्धारित करने वाले सिद्धांत में परिवर्तन करने जा रहा है, लेकिन उसने अभी तक परिवर्तनों की डिटेल साझा नहीं की है.

राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन की ओर से साल 2020 में जारी एक आदेश में निर्धारित मौजूदा परमाणु सिद्धांत के अनुसार, अगर कोई दुश्मन रूस पर परमाणु हमला करता है या ऐसा हमला करता है जिससे देश के अस्तित्व को खतरा हो, तो रूस परमाणु हथियारों का उपयोग कर सकता है.

प्रवक्ता पेस्कोव ने मीडिया को बताया, “इन बदलावों की जरूरत इसलिए है क्योंकि पश्चिमी देशों ने चुनौतियां और खतरे पैदा किए हैं.”

उन्होंने कहा कि मॉस्को इस संभावना को ध्यान में रख रहा है कि यूक्रेन रूसी क्षेत्र में अंदर तक जाकर अमेरिका द्वारा आपूर्ति किये गये लंबी दूरी के हथियारों का इस्तेमाल कर सकता है.

एफजेड/केआर