पश्चिम बंगाल सरकार ने संदेशखाली घटना की सीबीआई जांच के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में तत्काल सुनवाई की मांग की

नई दिल्ली, 6 मार्च . पश्चिम बंगाल सरकार ने 5 जनवरी को उत्तर 24 परगना जिले के संदेशखाली में ईडी और सीएपीएफ टीमों पर हमले की सीबीआई से स्वतंत्र जांच कराने के कलकत्ता उच्च न्यायालय के आदेश के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में दायर अपनी याचिका पर बुधवार को तत्काल सुनवाई की मांग की.

राज्य सरकार की ओर से पेश वरिष्ठ अधिवक्ता अभिषेक सिंघवी ने न्यायमूर्ति संजीव खन्ना की अध्यक्षता वाली पीठ के समक्ष मामले का उल्लेख करते हुए याचिका को तत्काल सूचीबद्ध करने का अनुरोध किया.

इस पर, न्यायमूर्ति खन्ना ने कोई भी निर्देश पारित करने से इनकार कर दिया और राज्य सरकार के वकील से कहा कि वह तत्काल सुनवाई के लिए भारत के मुख्य न्यायाधीश (सीजेआई) डी.वाई. चंद्रचूड़ के पास आवेदन दायर करें.

न्यायमूर्ति खन्ना ने कहा, “सीजेआई दोपहर के भोजन के समय आवेदनों पर ध्यान देते हैं और वही याचिका को सूचीबद्ध करने का आदेश देंगे.”

गौरतलब है कि सीजेआई चंद्रचूड़ नौ न्यायाधीशों वाली संविधान पीठ की अध्यक्षता कर रहे हैं, जो इस सवाल पर विचार कर रही है कि क्या खनन पट्टों पर केंद्र द्वारा एकत्र की गई रॉयल्टी को कर माना जा सकता है.

राज्य सरकार द्वारा दायर विशेष अनुमति याचिका में कहा गया है कि जांच को सीबीआई को स्थानांतरित करने का उच्च न्यायालय का आदेश सरसरी तौर पर पारित किया गया था. यह कानून के तहत उपलब्ध उपचार का लाभ उठाने के उसके अधिकार को कुंठित करता है.

कलकत्ता उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश टी.एस. शिवगणम और न्यायमूर्ति हिरण्मय भट्टाचार्य की पीठ ने मंगलवार को मामले की स्वतंत्र सीबीआई जांच का आदेश दिया था और पश्चिम बंगाल पुलिस को हमले के मास्टरमाइंड आरोपी शेख शाहजहां को सीआईडी हिरासत से से लेकर केंद्रीय एजेंसी को सौंपने का निर्देश दिया था.

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