देशभर में संघर्ष विराम का स्वागत, सेना के शौर्य और केंद्र की कूटनीति की तारीफ

नई दिल्ली, 10 मई . भारत और पाकिस्तान के बीच हुए संघर्ष विराम को लेकर देशभर में सियासी और सामाजिक हलकों से प्रतिक्रियाएं सामने आ रही हैं. इस समझौते को जहां एक ओर शांति की दिशा में अहम कदम माना जा रहा है, वहीं दूसरी ओर इसे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और भारतीय सेना की कूटनीतिक और सामरिक सफलता भी करार दिया गया है. हालांकि, पाकिस्तान ने कुछ ही घंटे बाद संघर्ष विराम का उल्लंघन कर दिया.

जम्मू-कश्मीर के मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने संघर्ष विराम का स्वागत करते हुए कहा, “अगर यह दो-तीन दिन पहले हुआ होता, तो कई जानें बच सकती थीं. पाकिस्तान के डीजीएमओ ने हमारे डीजीएमओ को कॉल करके संघर्ष विराम लागू किया. अब हमारी सरकार की जिम्मेदारी है कि प्रभावित इलाकों में नुकसान का आकलन कर राहत पहुंचाई जाए. एयरपोर्ट भी कई दिनों से बंद है, उम्मीद है अब वह फिर से खुल जाएगा.”

पूर्व मुख्यमंत्री और पीडीपी नेता महबूबा मुफ्ती ने शांति प्रयासों की सराहना की. उन्होंने कहा, “हम संघर्ष विराम और भारत-पाक के बीच नई शांति पहल का स्वागत करते हैं. भारत की ताकत हमेशा संवाद में रही है, न कि संघर्ष में. जम्मू-कश्मीर को अब जंग का मैदान नहीं, समझ का पुल बनाना चाहिए.”

भाजपा सांसद कमलजीत सिंह सहरावत ने कहा, “भारत हमेशा से शांति का पक्षधर रहा है. हमने अपनी शर्तों पर संघर्ष विराम को स्वीकार किया और पाकिस्तान को उसकी औकात भी दिखाई. उम्मीद है पाकिस्तान अब कोई गुस्ताखी नहीं करेगा.”

निषाद पार्टी के नेता संजय निषाद ने प्रधानमंत्री मोदी की तारीफ करते हुए कहा, “मोदी हैं तो मुमकिन है. आतंकियों को बख्शा नहीं जाएगा. जो नहीं मानता, उसे मनवा देते हैं.”

सपा सांसद मोहिबुल्ला नदवी ने कहा, “जंग किसी मसले का हल नहीं है, पर जब फैसला ऑपरेशन का लिया गया, तो सेना ने बहादुरी से उसे अंजाम दिया. सभी दलों ने एकजुट होकर साथ दिया. उम्मीद है पाकिस्तान सबक सीखेगा और मासूमों का खून बहाना बंद करेगा.”

बिहार सरकार के मंत्री नितिन नवीन ने कहा, “मैं भारतीय सेना के शौर्य को सलाम करता हूं, जिसने न सिर्फ सीमा की रक्षा की, बल्कि घर में घुसकर जवाब दिया. यह प्रधानमंत्री की कूटनीतिक जीत है.”

नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (एनएसई) के सीईओ आशीष चौहान ने भी संघर्ष विराम का स्वागत करते हुए कहा, “भारत और पाकिस्तान के तत्काल संघर्ष विराम के निर्णय का हम हार्दिक स्वागत करते हैं. प्रधानमंत्री मोदी और हमारी सशस्त्र सेनाओं के प्रयासों को सलाम.”

डीएससी/एकेजे