हम धर्मस्थल मामले की जांच एनआईए को नहीं सौंपेंगे : कर्नाटक गृह मंत्री

Bengaluru, 2 सितंबर . कर्नाटक के गृह मंत्री जी. परमेश्वर ने कहा है कि State government कथित धर्मस्थल सामूहिक हत्याकांड मामले की जांच राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) को नहीं सौंपेगी. अगर Enforcement Directorate (ईडी) कथित षड्यंत्र के वित्तपोषण मामले की अपनी जांच करना चाहता है, तो कर सकता है.

Tuesday को Bengaluru में पत्रकारों से बात करते हुए गृह मंत्री परमेश्वर ने कहा, “भाजपा इस मामले की एनआईए जांच की मांग कर रही है. धर्मस्थल मामले को एनआईए को सौंपने की कोई जरूरत नहीं है. हमने एक विशेष जांच दल (एसआईटी) का गठन किया है और वह अपना काम कर रही है. इस पृष्ठभूमि में, जब एसआईटी पहले से ही जांच कर रही है, तो मामले को किसी अन्य एजेंसी को सौंपने की कोई जरूरत नहीं है.”

धर्मस्थल को बदनाम करने की साजिश रचने के लिए कथित फंडिंग के मुद्दे पर, गृह मंत्री परमेश्वर ने कहा, “ईडी चाहे तो फंडिंग की जांच करे, हमें इस पर आपत्ति नहीं. वे अपने तरीके से वित्तीय और संबंधित पहलुओं पर जांच कर सकते हैं.

सौजन्या का 2012 में कथित तौर पर धर्मस्थल में अपहरण किया गया था और बलात्कार के बाद हत्या कर दी गई थी. भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष बी.वाई. विजयेंद्र ने सौजन्या के घर का दौरा किया था और एनआईए जांच की मांग की.

इस पर परमेश्वर ने कहा, “मैं अपने रुख पर कायम हूं. हमने धर्मस्थल हत्याकांड की जांच एसआईटी को सौंप दी है. वे एनआईए जांच की मांग कर रहे हैं, लेकिन हम यह मामला एनआईए को नहीं सौंपेंगे.”

उन्होंने कहा, “जब तक जांच पूरी नहीं हो जाती, हम इस पर कोई जानकारी नहीं दे सकते. मुझे लगता है कि एसआईटी जांच की प्रकिया अच्छी तरह संचालित कर रही है. अबतक कोई चूक नहीं हुई है. इसमें दखलअंदाजी का प्रयास किया जा रहा है.

एसआईटी प्रमुख प्रणब मोहंती से मुलाकात के बारे में पूछे जाने पर उन्होंने कहा, “मोहंती मुझसे कई मामलों पर मिलते रहते हैं. एसआईटी उनमें से एक है. आंतरिक सुरक्षा प्रभाग (आईएसडी) के प्रभारी होने के नाते, उनकी अन्य जिम्मेदारियां भी हैं. इसी संदर्भ में, वह मुझे जानकारी देने आते हैं.”

धर्मस्थल में एक नाबालिग लड़की का अपहरण होते देखने के एक महिला के दावे के बारे में पूछे जाने पर गृह मंत्री ने कहा कि ऐसे सभी पहलू जांच का हिस्सा होंगे और एसआईटी इसकी जांच करेगी.

उन्होंने कहा, “मैं भाजपा नेताओं के हर बयान का जवाब नहीं देता. हमारी जिम्मेदारी यह सुनिश्चित करना है कि एसआईटी जांच करे और अपनी रिपोर्ट सौंपे.”

पीएके/जीकेटी