Lucknow, 8 सितंबर . उत्तर प्रदेश के Chief Minister योगी आदित्यनाथ ने पूर्व की सरकार के कार्यकाल के दौरान हुई भर्ती प्रक्रियाओं पर निशाना साधा. उन्होंने कहा कि हमें कई भर्तियों की जांच सीबीआई को सौंपनी पड़ी थी. जांच के बाद प्रक्रिया में हुई कई धांधलियों के बारे में पता चला.
Monday को प्रदेश में 1112 कनिष्ठ सहायक व 22 एक्सरे टेक्नीशियन को नियुक्ति पत्र वितरित किया गया. Chief Minister ने लोक भवन स्थित मुख्य कार्यक्रम में नव चयनितों को नियुक्ति पत्र प्रदान किया. इस दौरान उन्होंने विपक्षी दलों पर हमला बोलते हुए कहा कि उनके कारनामे यूपी को विकास की बुलंदियों को छूने की बजाय गर्त की ओर धकेल रहे थे. इन लोगों ने यूपी को बीमारू बना दिया. इससे पहचान का संकट हो गया. नौजवान को नौकरी नहीं, बेटी असुरक्षित, व्यापारी असहाय, किसान आत्महत्या को मजबूर होता था. परंपरागत उद्यम बंदी के कगार पर जा रहे थे. अराजकता का वातावरण था. त्योहारों से पहले दंगे शुरू हो जाते थे, लेकिन 8 वर्ष से हर जनपद, समुदाय और व्यक्ति उत्साह व उमंग के साथ त्योहारों में सहभागी बनता है. आज सामाजिक सौहार्द भी है, जो राष्ट्रीय एकता को संबल देता है. लोगों का उत्साह व उमंग यूपी के विकास का जज्बा लेकर आगे बढ़ाने में भी बड़ी भूमिका का निर्वहन कर रहा है.
सीएम योगी ने कहा कि स्वस्थ व्यक्ति ही स्वस्थ समाज के निर्माण में योगदान दे सकता है. स्वस्थ व्यक्ति ही सशक्त समाज और समर्थ राष्ट्र के निर्माण में भूमिका का निर्वहन कर सकता है. जब व्यक्ति ही स्वस्थ नहीं तो व्यवस्था कैसे स्वस्थ होगी? जब व्यवस्था ही अस्वस्थ हो जाएगी तो उसके सारे पिलर ध्वस्त दिखाई देंगे. 2017 के पहले व्यवस्था में यही घुन लग चुका था, जो उसे खोखला किए जा रहा था, लेकिन पीएम मोदी की विजनरी लीडरशिप में यूपी ने समस्या के समाधान के साथ ही सभी मानकों को प्राप्त किया. उसी का परिणाम है कि पिछले 8 वर्षों में साढ़े 8 लाख युवाओं को अनेक सरकारी सेवाओं में लेने में हम सफल हुए हैं.
Chief Minister ने कहा कि अब पारदर्शी प्रक्रिया समय पर शुरू और संपन्न होती है. 8 वर्ष में 2.19 लाख पुलिसकर्मियों की भर्ती हुई है. हाल में ही 60,244 पुलिस कार्मिकों की भी भर्ती भी हुई. पहली बार जब हमारी सरकार ने पुलिस भर्ती प्रारंभ की थी तो ट्रेनिंग की समस्या खड़ी हुई. भर्ती 50 हजार की निकाली, लेकिन हमारे पास ट्रेनिंग सेंटर नहीं थे. जब रिव्यू किया तो पता चला कि केवल तीन हजार कार्मिकों की ही ट्रेनिंग एक साथ हो सकती है. तब मिलिट्री, पैरामिलिट्री, अन्य राज्यों के ट्रेनिंग सेंटर लेकर किसी प्रकार प्रशिक्षण पूरा कर पाए. इस बार 60,244 पुलिस कर्मियों को यूपी के अंदर ही ट्रेनिंग मिल रही है.
सीएम ने कहा कि निष्पक्ष व पारदर्शी तरीके से चयन की प्रक्रिया नए यूपी की तस्वीर को प्रस्तुत करती है. पिछले साढ़े 8 वर्ष में चिकित्सा स्वास्थ्य व चिकित्सा शिक्षा विभाग ने लंबी छलांग लगाने में सफलता प्राप्त की है. हर क्षेत्र में कुछ न कुछ नया परिवर्तन करके दिखाया है. यह परिवर्तन पीएम मोदी के विकसित भारत के संकल्पना को आगे बढ़ाने का क्रम है. 70 वर्ष तक हम लोग केवल 13 लाख करोड़ तक पहुंचे थे, लेकिन इस वित्तीय वर्ष के अंत तक यूपी की अर्थव्यवस्था 35 लाख करोड़ की बनने जा रही है. जो कार्य 70 वर्ष में नहीं हो पाया, उससे भी ढाई गुना वृद्धि और बेहतर गति आठ-साढ़े वर्ष में दी है. यूपी के नौजवानों को प्रदेश में नौकरी की गारंटी मिली.
सीएम ने चिकित्सा शिक्षा व चिकित्सा स्वास्थ्य की नियुक्तियों का जिक्र करते हुए बताया कि स्वास्थ्य विभाग की 1354 स्टाफ नर्स, 7182 एएनएम, 1102 विशेषज्ञ चिकित्सकों को नियुक्ति पत्र दिया गया. चिकित्सा शिक्षा विभाग के 278 एसोसिएट प्रोफेसर की भर्ती प्रक्रिया संपन्न हुई. यूपी के बड़े-बड़े चिकित्सा संस्थान के लिए 2142 स्टाफ नर्स की भर्ती की गई. यह सभी आज यूपी के विकास में अपना योगदान दे रहे हैं. सीएम ने कहा कि पहले यूपी में 17 मेडिकल कॉलेज थे. 40 मेडिकल कॉलेज बनने में 100 वर्ष से अधिक लगे. पिछले साढ़े 8 वर्ष में सरकारी व निजी क्षेत्र में मेडिकल कॉलेज की संख्या 80 से ऊपर पहुंचाने में सफल हुए हैं. एक जिला, एक मेडिकल कॉलेज यूपी की पहचान बन रही है. आज सिर्फ एडमिशन ही नहीं होते, बल्कि उसमें प्रोफेसर, क्लर्कियल स्टाफ, फार्मासिस्ट, स्टाफ नर्स, टेक्नीशियन आदि की भी भर्ती होती है. हर मेडिकल कॉलेज में बड़े पैमाने में भर्ती प्रक्रिया बढ़ाने का कार्य किया गया.
सीएम ने कहा कि पहले हॉस्पिटल बंद मिलता था. डॉक्टर होते थे तो दवा नहीं, दवा है तो डॉक्टर नहीं. दवा और डॉक्टर है तो बिजली नहीं है, लेकिन अब जनपद में लोगों को हर सुविधा मिल रही है. यूपी मेडिकल कॉरपोरेशन के माध्यम से दवाइयां भी उपलब्ध हो रही हैं, तो 5.34 करोड़ से अधिक परिवारों को यूपी में आयुष्मान कार्ड से लाभान्वित किया जा रहा है. अब तक 80 लाख से अधिक लोगों ने आयुष्मान भारत की सुविधा का लाभ लिया है. इसके लिए यूपी सरकार ने Government of India के साथ मिलकर लगभग तीन हजार करोड़ से अधिक का पेमेंट किया है.
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विकेटी/एएस