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Patna, 29 अक्टूबर . बिहार के गया जिले की वजीरगंज विधानसभा सीट इस बार भी Political दृष्टिकोण से महत्वपूर्ण बनी हुई है. गया जिले में कुल 10 विधानसभा सीटें हैं और वजीरगंज उनमें से एक है. यह विधानसभा क्षेत्र गया शहर से लगभग 20 किलोमीटर पूर्व में स्थित है और गया एवं नवादा जिलों की सीमा पर फैला हुआ है. नाम से यह क्षेत्र मुस्लिम आबादी वाला प्रतीत होता है, लेकिन वास्तव में यहां हिंदू आबादी का वर्चस्व है.
वजीरगंज विधानसभा क्षेत्र के वजीरगंज प्रखंड में स्थित महादेव मंदिर स्थानीय लोगों के बीच विशेष धार्मिक महत्व रखता है. इसके अलावा, इस क्षेत्र में कोई नगरीय आबादी दर्ज नहीं की गई है, जिससे यह अपेक्षाकृत ग्रामीण और परंपरागत संस्कृति वाला विधानसभा क्षेत्र माना जाता है.
Political इतिहास पर नजर डालें तो वजीरगंज विधानसभा सीट 2008 में स्थापित हुई थी. इससे पहले यह क्षेत्र शेरघाटी विधानसभा सीट के अंतर्गत आता था. अब तक यहां तीन विधानसभा चुनाव हो चुके हैं. 2010 और 2020 के चुनाव में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने जीत हासिल की थी, जबकि 2015 में कांग्रेस ने यहां विजय दर्ज की.
वर्तमान में भाजपा के बीरेंद्र सिंह विधायक हैं. साल 2020 के विधानसभा चुनाव में बीरेंद्र सिंह ने कांग्रेस के शशि शेखर सिंह को हराया था.
वजीरगंज विधानसभा सीट पर जातीय समीकरण काफी महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं. यादव, राजपूत और मांझी समुदाय इस क्षेत्र में किसी भी पार्टी की जीत-हार तय करने में निर्णायक भूमिका रखते हैं. Political विश्लेषकों के अनुसार, इस सीट पर जातीय संतुलन और स्थानीय मुद्दों का बड़ा प्रभाव रहता है.
इस बार चुनाव में कुल 12 उम्मीदवार मैदान में हैं. प्रमुख उम्मीदवारों में कांग्रेस से अवधेश कुमार सिंह, भाजपा से वर्तमान विधायक बीरेंद्र सिंह और जन सुराज से संतोष कुमार शामिल हैं. चुनाव में इस बार भी मतदाताओं की पसंद, जातीय समीकरण और उम्मीदवारों की लोकप्रियता महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगी.
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डीसीएच/डीकेपी