पटना, 1 अप्रैल . बिहार के उप मुख्यमंत्री सह कृषि मंत्री विजय सिन्हा ने मंगलवार को कहा कि राज्य में जल-जीवन-हरियाली अभियान के तहत जल स्तर को संतुलित बनाए रखना, जल को प्रदूषण मुक्त रखना, वृक्ष आवरण को बढ़ाना तथा नवीकरणीय ऊर्जा को बढ़ावा देना प्रमुख रूप से लक्षित किया गया है.
उन्होंने कहा कि जल होगा तो हरियाली होगी और हरियाली होगी तो जीवन होगा. इसलिए जल-जीवन-हरियाली अभियान प्रदेश ही नहीं, विश्व के प्रत्येक मानव का अभियान बनना चाहिए. हम सभी की यह जिम्मेदारी है कि इस अभियान को केवल सरकार की पहल न मानकर, इसे अपनी दिनचर्या का हिस्सा बनाएं.
इससे पहले उप मुख्यमंत्री सिन्हा पटना के कृषि भवन के सभागार में जल-जीवन-हरियाली अभियान अंतर्गत राज्यस्तरीय कार्यक्रम का उद्घाटन किया. उन्होंने कहा कि जल-जीवन-हरियाली का आपस में गहरा संबंध है. जल के बिना जीवन की कल्पना असंभव है और हरियाली जल तथा पर्यावरण संतुलन को बनाए रखने में सहायक होती है.
कृषि मंत्री सिन्हा ने कहा, “20 नवंबर 2019 को राज्य में एक नई शुरुआत की गई थी, जब मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने जलवायु अनुकूल कृषि कार्यक्रम की शुरुआत आठ जिलों के लिए की थी. बिहार में चलाए जा रहे इस अभियान की चर्चा आज भारत में ही नहीं, पूरे विश्व में हो रही है. वर्तमान में वर्षा की अनियमितता, तापमान में परिवर्तन, भू-जल का स्तर गिरने से फसलों की उत्पादकता में ह्रास हो रहा है, इसलिए इस योजना की आवश्यकता और अधिक बढ़ जाती है.”
उन्होंने लोगों को सचेत करते हुए कहा कि जलवायु परिवर्तन से होने वाले संकट से बचने के लिए हमें तैयार रहना होगा. इससे जुड़ी हुई योजनाओं का लाभ किसानों तक पहुंचाना होगा, ताकि किसानों के जीवन स्तर में सुधार हो सके तथा फसलों के उत्पादन एवं उत्पादकता में वृद्धि हो सके. यह अभियान जल संरक्षण, हरित क्षेत्र के विस्तार और टिकाऊ कृषि को बढ़ावा देने के लिए 15 विभागों के सहयोग से संचालित किया जा रहा है.
जल-जीवन-हरियाली अभियान के तहत सार्वजनिक जल संरचनाओं, तालाब, पोखर, कुआं, नदी, नाला, आहर, पाइन के जीर्णोद्धार के साथ-साथ नए जल स्रोतों का भी सृजन किया जा रहा है.
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एमएनपी/