नई दिल्ली, 12 जून . भीषण गर्मी के चलते दिल्ली में जल संकट बरकरार है और दिल्ली की जनता अब त्राहिमाम कर रही है. दिल्ली के एलजी वी.के. सक्सेना ने दिल्ली के जल मंत्री आतिशी और मंत्री सौरभ भारद्वाज से मुलाकात के बाद एक पत्र जारी किया था, जिसमें बताया गया था कि दिल्ली में पानी तो भेजा जा रहा है लेकिन इसकी बर्बादी लीकेज और चोरी के चलते हो रही है. जिसकी वजह से दिल्ली वालों को जल संकट का सामना करना पड़ रहा है.
दिल्ली के जल मंत्री आतिशी ने एक लेटर को सोशल मीडिया पर पोस्ट कर यह बताया कि एलजी की इस कंप्लेंट से पहले ही दिल्ली के अधिकारी वॉटर पाइपलाइन में लीकेज और अन्य बातों की जांच कर रहे हैं और उसकी रोजाना समीक्षा भी हो रही है.
जारी किए गए पत्र में बताया गया है कि 30 मई को भीषण गर्मी की स्थिति और पानी की मांग में वृद्धि के मुद्दे पर आयोजित बैठक में यह निर्णय लिया गया था कि 5 जून से प्रत्येक जोन में एडीएम/एसडीएम स्तर के अधिकारियों को तैनात किया जाएगा. साथ ही तहसीलदारों की एक टीम भी तैनात की जाएगी. अन्य अधिकारी पानी के टैंकरों की व्यवस्था और पानी से संबंधित शिकायतों के समाधान के लिए त्वरित प्रतिक्रिया टीम के रूप में कार्य करेंगे.
पत्र के मुताबिक, मुख्य सचिव को यह सुनिश्चित करने का निर्देश दिया गया है कि ये टीमें जल स्रोतों से हमारे जल उपचार संयंत्रों और डब्ल्यूटीपी से प्राथमिक यूजीआर तक मुख्य जल वितरण नेटवर्क की निगरानी और निरीक्षण करेंगी. ये टीमें यह सुनिश्चित करने के लिए प्रमुख पाइपलाइनों का निरीक्षण करेंगी कि किसी भी पाइपलाइन में कोई रिसाव नहीं है और यदि कोई रिसाव है, तो उसे 12 घंटे के भीतर ठीक किया जाना चाहिए. पानी की कमी के इस समय में पानी की एक भी बूंद बर्बाद नहीं की जा सकती.
पत्र में आगे लिखा गया है कि प्रत्येक त्वरित प्रतिक्रिया टीम द्वारा इस संबंध में किए गए सभी निरीक्षणों की एक रोजाना रिपोर्ट प्रतिदिन शाम 5 बजे तक मुख्य अधिकारी के कार्यालय में जमा की जानी है. इस पत्र को सोशल मीडिया पर पोस्ट करने का मतलब है कि दिल्ली सरकार की जल मंत्री यह बताना चाहती है कि पानी के लीकेज और बर्बादी को रोकने के लिए उन्होंने पहले ही टीमों का गठन कर दिया है और मिल रही शिकायत के आधार पर कार्रवाई भी की जा रही है.
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पीकेटी/