कोलकाता, 28 मार्च . मनरेगा और प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत स्वीकृत धनराशि और उसके कार्यान्वयन पर श्वेत पत्र जारी करने को लेकर पश्चिम बंगाल में सत्तारूढ़ तृणमूल कांग्रेस और भाजपा में जुबानी जंग छिड़ गई है.
यह सब तृणमूल महासचिव और पार्टी के लोकसभा सदस्य अभिषेक बनर्जी की एक्स पर एक पोस्ट से शुरू हुआ, जिसमें उन्होंने 2021 में राज्य में चुनाव होने के बाद से इन दो योजनाओं पर श्वेत पत्र जारी करने की उनकी चुनौती को स्वीकार नहीं करने के लिए केंद्र सरकार का उपहास किया.
बनर्जी ने पोस्ट में लिखा, ”लगभग दो सप्ताह और 350 घंटे हो गए हैं, भाजपा पश्चिम बंगाल में 2021 में अपनी हार के बाद से मेरी चुनौती को स्वीकार करने और आवास प्लस और मनरेगा पर श्वेत पत्र जारी करने से कतरा रही है. बंगाल इंतजार कर रहा है, पूर्ण जवाबदेही के अलावा कुछ नहीं.”
तृणमूल नेता की टिप्पणी पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए भाजपा के राज्यसभा सदस्य समिक भट्टाचार्य ने सवाल किया कि क्या राज्य सरकार या मुख्यमंत्री ममता बनर्जी में राज्य में इन योजनाओं के कार्यान्वयन पर ‘श्वेत पत्र’ जारी करने का साहस है.
भट्टाचार्य ने कहा, ”पूरा तृणमूल नेतृत्व अनजान है. वे बार-बार वही आरोप लगा रहे हैं लेकिन उनके आरोपों में कोई दम नहीं है. राज्य की जनता अब ऐसे आरोपों पर विश्वास नहीं करती.”
दोनों योजनाएं पिछले कुछ समय से केंद्र और राज्य सरकार के बीच एक विवादास्पद मुद्दा बनी हुई हैं.
तृणमूल ने केंद्र पर इन परियोजनाओं के तहत राज्य सरकार को मिलने वाले केंद्रीय धन को जानबूझकर रोकने का आरोप लगाया है, वहीं भाजपा ने सत्तारूढ़ दल पर पहले जारी की गई दो योजनाओं के तहत धन के उपयोग में अनियमितताओं का आरोप लगाया है.
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एमकेएस/