जरूरतमंद मुसलमानों के हित के लिए था वक्फ, लेकन हुआ इससे उलट : भाजपा सांसद राधामोहन दास अग्रवाल

नई दिल्ली, 11 अप्रैल . वक्फ (संशोधन) बिल, 2025 संसद से पारित हो गया. हालांकि अभी भी कई संगठन और राजनीतिक पार्टियां इसका विरोध कर रही हैं. भाजपा सांसद राधामोहन दास अग्रवाल ने शुक्रवार को कहा कि वक्फ को मुसलमानों के हित के लिए बनाया गया था, लेकिन पिछले 75 सालों में जो हुआ, वो इसके बिल्कुल विपरीत था.

भाजपा सांसद राधामोहन दास अग्रवाल ने कहा, “पीएम मोदी का जो अभियान है, वो मुस्लिम समाज में क्रांतिकारी परिवर्तन लाने के लिए है. वक्फ नाम की संस्था गरीब मुसलमान, विधवा और तलाकशुदा महिलाओं के साथ-साथ बच्चों और बूढ़ों के लिए थी. कल्पना यह थी कि लोग अपनी संपत्तियों को वक्फ को देंगे और उससे जो आय होगी, वो पिछड़े मुस्लिम परिवारों को दिया जाएगा. लेकिन पिछले कुछ सालों से जो नतीजा सामने आया, वो चौंकाने वाला था. वक्फ की संपत्तियों का अधिकांश लाभ कुछ लोगों ने लूट लिया और एक बहुत छोटा सा हिस्सा गरीब मुसलमानों को मिला.”

उन्होंने उदाहरण देते हुए बताया, “सच्चर कमेटी की एक रिपोर्ट पेश की गई थी. कमेटी की रिपोर्ट के हिसाब से 2006 में 4.5 लाख संपत्तियां वक्फ की थी. इसमें 6 लाख एकड़ से अधिक जमीन थी. अगर 6 लाख एकड़ जमीन का सही उपयोग होता, तो प्रतिवर्ष 12,000 करोड़ रुपए की आय होती. 2006 में यह बात कही गई थी. आज के समय में यह आय लाखों करोड़ों रुपए की होती. लेकिन वास्तव में आय 163 करोड़ हो रही थी. इसका मतलब 11,837 करोड़ रुपए लूट लिए जाते थे. प्रधानमंत्री मोदी का यही मकसद था कि इस लूट को बंद किया जाए. समस्या यह है कि लूटने वाले लोग मुस्लिम पार्टियों और संगठनों के बड़े-बड़े पदाधिकारी हैं. उन्होंने पूरी संपत्तियों पर कब्जा किया हुआ.”

उन्होंने आगे कहा, “पीएम मोदी ने जब से कहा है कि वक्फ की संपत्तियों का फायदा जरूरतमंद गरीब मुस्लिम परिवार को पहुंचाएंगे, तो भ्रष्टाचारी लोग डरे हुए हैं और मुस्लिम समाज को भड़काने का काम कर रहे हैं. ऐसी भ्रांतियां फैलाई जा रही हैं कि बिल के नाम पर मुसलमानों के मस्जिद, दरगाह और कब्रिस्तानों पर कब्जा कर लिया जाएगा, जो गलत है.”

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