वांचे गुजरात : सीएम भूपेंद्र पटेल का सरकारी पुस्तकालयों की संख्या वृद्धि पर जोर, 71 को मंजूरी

गांधीनगर, 5 सितंबर . गुजरात के नागरिक नियमित पठन-पाठन के प्रति प्रेरित हों, इस उद्देश्य से गुजरात के तत्कालीन Chief Minister और भारत के वर्तमान Prime Minister Narendra Modi ने वर्ष 2010 में ‘वांचे गुजरात’ (पढ़े गुजरात) अभियान चलाया था. उन्होंने अपने कार्यकाल के दौरान गुजरात के सभी पुस्तकालयों को ग्रंथों-पुस्तकों से समृद्ध बनाने का आयोजन किया था.

पुस्तक पठन के महत्व को ध्यान में रखते हुए Chief Minister भूपेंद्र पटेल के नेतृत्व में गुजरात सरकार राज्यभर में सरकारी पुस्तकालयों की संख्या बढ़ाने पर ध्यान केंद्रित कर रही है.

गत वर्ष राज्य के 21 जिलों की 50 तहसीलों और 7 आदिजाति जिलों की 14 तहसीलों में कुल 64 सरकारी पुस्तकालय शुरू करने का ऐतिहासिक निर्णय लिया गया था. इनमें से 53 सरकारी पुस्तकालय कार्यरत हो चुके हैं और 11वें का कार्य प्रगति पर है.

आज समग्र गुजरात में कुल 197 सरकारी पुस्तकालय कार्यरत हैं तथा इस वर्ष तहसील स्तर पर 71 नए सरकारी पुस्तकालयों के निर्माण को State government ने मंजूरी दी है. इसके बाद राज्य की सभी तहसीलों में सरकारी पुस्तकालय कार्यरत हो जाएंगे.

हर वर्ष 6 सितंबर का दिन ‘नेशनल रीड अ बुक डे’ यानी ‘राष्ट्रीय पुस्तक पढ़ें दिवस’ के रूप में मनाया जाता है. यह दिवस हर व्यक्ति को पुस्तक पढ़ने का आनंद उठाने के लिए अपनी दिनचर्या से समय निकालने को प्रेरित करता है. यह दिवस मनाने का उद्देश्य हर व्यक्ति को पठन-पाठन की गतिविधि में रुचि लेने हेतु प्रोत्साहित करना है, जिससे वे पठन-पाठन प्रवृत्ति को अपना सकें और उसका आनंद ले सकें.

राज्य में कुल 197 सरकारी पुस्तकालय कार्यरत हैं, जिनमें 33 जिला पुस्तकालय एवं 150 तहसील पुस्तकालय सहित मध्यस्थ पुस्तकालय, चलते-फिरते पुस्तकालय, राज्य केंद्रीय आरक्षित ग्रंथ भंडार, स्टेट आर्ट लाइब्रेरी तथा महिला ग्रंथालय शामिल हैं.

राज्यभर में स्थित सरकारी पुस्तकालय नागरिकों को पठन-पाठन के लिए प्रेरित करते हैं. राज्य के मध्यस्थ पुस्तकालयों में प्रतिदिन 500 से अधिक नागरिक पठन-पाठन का लाभ ले रहे हैं, जबकि जिला पुस्तकालयों में प्रतिदिन 150 से अधिक पाठक पठन-पाठन का लाभ ले रहे हैं. राज्य के जिन जिला पुस्तकालयों में पठन-पाठन की सुविधा उपलब्ध है, वहां प्रतिदिन 250 से अधिक पाठक पठन-पाठन का लाभ ले रहे हैं तथा तहसील पुस्तकालयों में भी 100 से अधिक पाठक प्रतिदिन पढ़ने का लाभ प्राप्त कर रहे हैं.

राज्य के आदिवासी समुदायों के लोगों में पठन-पाठन के प्रति रुचि जागृत हो तथा वे पठन-पाठन के प्रति प्रेरित हों, इस उद्देश्य से राज्य की सभी आदिवासी बहुल तहसीलों में भी पुस्तकालय कार्यरत किए गए हैं. राज्य के 7 आदिजाति जिलों की 14 तहसीलों में पुस्तकालय शुरू किए गए हैं, जिनके माध्यम से आदिजाति समुदाय को भी पठन-पाठन सेवा का लाभ मिल रहा है.

एसके/एबीएम