वॉल स्ट्रीट जर्नल की रिपोर्ट का अदाणी के शेयरों पर खास असर नहीं

मुंबई, 3 जून . निवेशकों ने मंगलवार को वॉल स्ट्रीट जर्नल (डब्ल्यूएसजे) की उस रिपोर्ट की अनदेखी कर दी जिसमें कहा गया था कि अदाणी समूह के ईरान पर प्रतिबंधों के संभावित उल्लंघन के लिए अमेरिका में नई जांच शुरू हो सकती है. अदाणी समूह के शेयरों ने मजबूती दिखाई और समूह के मार्केट कैपिटलाइजेशन में महज 1.8 प्रतिशत की गिरावट दर्ज की गई जबकि निफ्टी में 0.7 प्रतिशत की गिरावट रही.

अदाणी एंटरप्राइजेज में 1.9 प्रतिशत की गिरावट देखी गई, जबकि एसीसी में केवल 0.3 प्रतिशत की गिरावट रही.

अदाणी समूह ने रिपोर्ट को “निराधार और शरारतपूर्ण” बताकर तत्काल खारिज कर दिया. विश्लेषकों का मानना है कि बाजार ऐसे बाहरी दबावों को तेजी से कम कर रहा है और उन्हें भारत की ऊर्जा सुरक्षा में अदाणी की महत्वपूर्ण भूमिका पर लक्षित हमलों के रूप में देख रहा है.

वैश्विक मीडिया, शॉर्ट-सेलर्स और नियामक निकायों द्वारा कई नकारात्मक अभियानों के बावजूद अदाणी का प्रदर्शन और निवेश योजनाएं अप्रभावित बनी हुई हैं. समूह में वैश्विक निवेशकों की रुचि बनी हुई है.

पिछले दो वर्षों में, अदाणी समूह का मुनाफा 25 प्रतिशत से अधिक बढ़ा है और उसने अस्थिरता के बीच भी 1.75 लाख करोड़ रुपए (21 अरब डॉलर) का निवेश किया है. इस विस्तार के अलावा कंपनी के ऋण में महत्वपूर्ण कमी आई है और उसका शुद्ध ऋण बनाम ईबीआईटीडीए अनुपात घटकर 2.5 गुना रह गया है. यह इंफ्रा क्षेत्र में काम करने वाली कंपनियों के सर्वश्रेष्ठ आंकड़ों में से एक है.

जनवरी 2023 की हिंडनबर्ग रिसर्च रिपोर्ट और नवंबर 2024 के अमेरिकी न्याय विभाग के अभियोग (हरित ऊर्जा निधि जुटाने से पहले) सहित पिछली प्रमुख चुनौतियां भी इसी तरह समूह की प्रगति को बाधित करने में विफल रही हैं.

उल्लेखनीय है कि डब्ल्यूएसजे के रिपोर्टर, बेन फोल्डी ने सार्वजनिक रूप से हिंडनबर्ग रिसर्च पर एक किताब लिखने में रुचि व्यक्त की है और पहले भी उनके लक्ष्यों को बढ़ाने में मदद की है. हिंडनबर्ग का खुद अदाणी सहित हरित ऊर्जा कंपनियों को निशाना बनाने का इतिहास रहा है.

अदाणी में बाजार का निरंतर विश्वास इसके मजबूत फंडामेंटल्स, देश के लिए इसके रणनीतिक महत्व और बाहरी चुनौतियों को दूर करने की प्रमाणित क्षमता को रेखांकित करता है.

एकेजे/