नई दिल्ली, 17 अप्रैल . तमिलनाडु की सभी 39 लोकसभा सीटों पर एक ही चरण में 19 अप्रैल को मतदान होना है. ‘मिशन साउथ इंडिया’ को कामयाब बनाने में जोर-शोर से जुटी भाजपा इस बार तमिलनाडु को लेकर काफी मेहनत कर रही है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने एक तरह से स्वयं तमिलनाडु में चुनाव प्रचार अभियान की कमान संभाल रखी है.
भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा और केंद्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री अमित शाह समेत पार्टी के तमाम आला नेता लगातार राज्य का चुनावी दौरा कर रहे हैं, रैलियां और रोड शो कर रहे हैं. चुनावी रणनीति के तहत भाजपा ने इस बार तमिलनाडु में रैलियों के साथ-साथ रोड शो पर भी ज्यादा फोकस किया है. प्रधानमंत्री मोदी, जेपी नड्डा, अमित शाह, राजनाथ सिंह और निर्मला सीतारमण जैसे अन्य कई दिग्गज नेताओं ने मिलकर चुनावी जनसभाओं और रोड शो के जरिए कुल मिलाकर तमिलनाडु की सभी 39 लोकसभा सीटों को कवर किया है.
तमिलनाडु में छोटे-छोटे क्षेत्रीय दलों के साथ गठबंधन कर बड़े भाई की भूमिका में चुनाव लड़ रही भाजपा इस बार राज्य में ‘यही समय है, सही समय है’ के संकल्प के साथ चुनाव लड़ रही है. पार्टी को लग रहा है कि राज्य की लोकप्रिय मुख्यमंत्री रहीं जयललिता के निधन से खाली हुई जगह को भाजपा भर सकती है, क्योंकि, उनकी पार्टी एआईएडीएमके अंतर्कलह की वजह से कमजोर हुई है. हालांकि, तमिलनाडु को लेकर भाजपा ने दो वर्ष पहले ही अपनी चुनावी तैयारियां शुरू कर दी थी.
2022 में मोदी सरकार ने ‘काशी तमिल संगमम’ शुरू किया था. ‘आजादी के अमृत महोत्सव’ के भाग के रूप में मोदी सरकार ने ‘एक भारत श्रेष्ठ भारत’ की भावना को मजबूती देने के लिए ‘काशी तमिल संगमम’ का अभियान शुरू किया था, जिसके तहत प्रधानमंत्री मोदी के संसदीय क्षेत्र वाराणसी से तमिलनाडु के लोगों को भावनात्मक रूप से जोड़ने का प्रयास किया गया.
28 मई 2023 को संसद के नए भवन के उद्घाटन कार्यक्रम में प्रधानमंत्री मोदी ने पूरे विधि-विधान से पूजा करने के बाद मंत्रोच्चारण के साथ लोकसभा अध्यक्ष के आसन के पास पवित्र सेंगोल को स्थापित किया था. इसके साथ ही प्रधानमंत्री मोदी ने पिछले कुछ वर्षों के दौरान लगातार तमिलनाडु का दौरा कर राज्य के लोगों को कई महत्वपूर्ण परियोजनाओं की सौगातें दी.
भाजपा का यह दावा है कि इस समय दक्षिण भारत के इस राज्य में प्रधानमंत्री मोदी की लोकप्रियता चरम पर है और पार्टी के लिए तमिलनाडु में विस्तार अभियान का ‘यही समय है, सही समय है.’ भाजपा ने इस बार अपने संकल्प पत्र से भी तमिलनाडु की जनता का दिल जीतने की कोशिश की है. भाजपा ने लोकसभा चुनाव के लिए जारी अपने संकल्प पत्र में ‘मोदी की गारंटी’ देते हुए वादा किया है कि अपने तीसरे कार्यकाल में भाजपा विश्वभर में तिरुवल्लुवर सांस्कृतिक केंद्रों की स्थापना करेगी.
प्रधानमंत्री मोदी ने तमिल भाषा को दुनिया की सबसे प्राचीन भाषा और भारत का गौरव बताते हुए तमिल भाषा की वैश्विक प्रतिष्ठा बढ़ाने के लिए सभी तरह के प्रयास करने का भी वादा किया. डीएमके नेताओं द्वारा सनातन और हिंदू धर्म के खिलाफ दिए गए बयानों को भी भाजपा ने तमिलनाडु में बड़ा चुनावी मुद्दा बनाने का पुरजोर प्रयास किया है.
इसके साथ ही पार्टी नेताओं ने भ्रष्टाचार और परिवारवाद का भी मुद्दा लगातार उठाकर राज्य की जनता से बदलाव करने की अपील की है. इसके साथ ही भाजपा ने लगातार कच्चातिवु द्वीप का मसला उठाकर राज्य की जनता को यह बताने का भी प्रयास किया कि किस तरह से कांग्रेस की पिछली सरकारों और तमिलनाडु की वर्तमान सत्तारुढ़ पार्टी डीएमके ने भारत की संप्रभुता के साथ-साथ तमिलों खासकर मछुआरों की सुरक्षा को दरकिनार करते हुए कच्चातिवु द्वीप को श्रीलंका को दे दिया था.
मछुआरों की वर्तमान समस्या के लिए पूरी तरह से कांग्रेस और डीएमके को जिम्मेदार बताते हुए भाजपा यह भी कह रही है कि इस समझौते की वजह से पिछले 20 वर्षों में भारत के 6,180 के लगभग मछुआरों को श्रीलंका ने हिरासत में लिया. इस दौरान श्रीलंका ने मछली पकड़ने वाली 1,175 नौकाओं को भी पकड़ा. राज्य की राजनीति के लिए यह बहुत ही संवेदनशील मुद्दा है.
भाजपा को यह उम्मीद है कि तमिल भाषा और तमिल संस्कृति को सम्मान देने के लिए भाजपा सरकार ने जो कार्य किए हैं और भविष्य में जो कार्य करने जा रही है, उसकी वजह से राज्य की जनता में पार्टी का जनाधार बढ़ा है और प्रधानमंत्री मोदी की लोकप्रियता एवं बूथ स्तर तक की गई तैयारी के कारण राज्य में भाजपा एवं उसके सहयोगियों के पक्ष में सकारात्मक और चौंकाने वाला चुनाव परिणाम आ सकता है.
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एसटीपी/एबीएम