रांची, 13 मई . लोकसभा चुनाव के चौथे चरण में झारखंड की चार लोकसभा सीटों सिंहभूम, खूंटी, लोहरदगा और पलामू में सोमवार सुबह सात बजे से मतदान शुरू हो गया. झारखंड में मतदान का यह पहला चरण है.
इन चारों सीटों पर कुल 7595 बूथ बनाए गए हैं, जहां मतदान शुरू होने के पहले सुबह साढ़े पांच बजे निर्वाचन कर्मियों ने प्रत्याशियों या उनके प्रतिनिधियों की उपस्थिति में मॉक पोल कराया.
शहरी और ग्रामीण क्षेत्रों से मिल रही रिपोर्ट के अनुसार, मतदान शुरू होने के पहले सुबह छह बजे से ही बूथों पर वोटरों के पहुंचने का सिलसिला शुरू हो गया. राज्य निर्वाचन कार्यालय ने बताया है कि सभी बूथों पर निर्धारित समय पर मतदान शुरू होने की सूचना है. इन चारों सीटों पर 64 लाख 58 हजार 36 मतदाता हैं, जो इवीएम पर कुल 45 प्रत्याशियों की किस्मत लिखेंगे.
खास बात यह कि सभी मतदान केंद्रों पर मतदान प्रक्रिया पर निगरानी के लिए अंदर और बाहर फोर डी कैमरों से वेबकास्टिंग की जा रही है. 519 मतदान केंद्र ऐसे हैं, जिनका संचालन पूरी तरह महिला मतदान कर्मियों के हाथ में है.
पलामू को छोड़ कर तीन लोकसभा सीटों पर इस बार पुरुषों की तुलना में महिला वोटरों की तादाद ज्यादा है. इस चरण के चुनाव में खूंटी में केंद्रीय मंत्री अर्जुन मुंडा, सिंहभूम में मौजूदा सांसद गीता कोड़ा और झारखंड सरकार की पूर्व मंत्री जोबा मांझी, पलामू में सांसद एवं पूर्व डीजीपी बीडी राम और लोहरदगा में भाजपा एसटी मोर्चा के राष्ट्रीय अध्यक्ष समीर उरांव एवं कांग्रेस के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष सुखदेव भगत जैसे दिग्गजों की सियासी किस्मत दांव पर लगी है.
इन चार सीटों में सबसे ज्यादा 15 प्रत्याशी लोहरदगा में हैं. सिंहभूम में 14, पलामू में नौ और खूंटी में 7 प्रत्याशियों के बीच मुकाबला है. वर्ष 2019 के चुनाव में इनमें से सिंहभूम को छोड़ बाकी तीन सीटों पर भाजपा ने जीत दर्ज की थी.
हालांकि सिंहभूम में बतौर कांग्रेस प्रत्याशी जीत दर्ज करने वाली गीता कोड़ा इस बार भाजपा की ओर से मैदान में हैं.
इस चरण के कुल 7595 बूथों में से करीब साढ़े हजार बूथों के नक्सल प्रभावित इलाकों में होने के कारण चुनौतीपूर्ण माना गया है. इन क्षेत्रों में सुरक्षा के व्यापक बंदोबस्त किए गए हैं. पहले नक्सल प्रभावित इलाकों में अपराह्न तीन बजे तक ही मतदान कराए जाते थे, लेकिन इस बार शाम पांच तक बूथ के बाहर लाइन में खड़े सभी मतदाता वोट डाल सकेंगे. किसी भी तरह की आपात स्थिति से निपटने के लिए पर्याप्त संख्या में सशस्त्र बलों के साथ एयर एंबुलेंस और हेलीकॉप्टर तैनात किए गए हैं.
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एसएनसी/