पटना, 17 जुलाई . बिहार में चुनाव आयोग द्वारा मतदाता सूची का विशेष गहन पुनरीक्षण किया जा रहा है. विधानसभा चुनाव से ठीक पहले हो रहे पुनरीक्षण पर विपक्ष सवाल उठाता रहा है. विपक्ष द्वारा मतदाता पुनरीक्षण में धांधली के आरोप लगाए जा रहे हैं, जिस पर चुनाव आयोग ने जवाब दिया है.
चुनाव आयोग ने पटना जिला प्रशासन द्वारा सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर पोस्ट किए गए एक वीडियो को रिपोस्ट किया है. चुनाव आयोग ने सभी दावों को सिरे से खारिज कर दिया. साथ ही ईसीआई ने पटना जिला प्रशासन द्वारा की गई जांच का भी ब्यौरा दिया, जिसमें पटना जिला प्रशासन ने कहा कि यह भ्रामक एवं तथ्यहीन है.
इस वीडियो में बीएलओ से पूछा जा रहा है कि 16 तारीख को आप ब्लॉक में क्यों आई थीं. बीएलओ ने कहा कि मृत और शिफ्टेड लोगों की सूची बनाने के लिए आई थीं. सूची राजनीतिक दलों को देने के लिए बनाई गई. उन्होंने कहा कि बूथ नंबर 226 के मृत व्यक्तियों का नाम लिखकर वह सत्यापित कर रही थीं. तभी, मीडिया वालों ने पीछे से आकर मेरा वीडियो बना लिया. मैं कोई गलत काम नहीं कर रही थी.
इस घटना का वीडियो बनाकर एक वरिष्ठ पत्रकार ने चुनाव आयोग पर विधानसभा चुनाव से पहले धांधली का आरोप लगाया.
मुख्य विपक्षी पार्टी राजद के नेता तेजस्वी यादव ने भी चुनाव आयोग पर धांधली का आरोप लगाया.
तेजस्वी यादव ने मतदाता सूची के पुनरीक्षण को लेकर कहा कि हमें पहले से शक था कि दाल में कुछ काला है, लेकिन अब जो स्थिति सामने आ रही है, उससे साफ है कि यहां पूरी दाल ही काली है. तेजस्वी ने कहा कि हमें मतदाता पुनरीक्षण से दिक्कत नहीं है, लेकिन उसके तरीके से दिक्कत है, जिसके जरिए अब लोकतंत्र को खत्म किया जा रहा है. उन्होंने कहा कि वह सभी मंचों पर लड़ाई लड़ेंगे. इसके लिए वह देश की सभी पार्टियों को पत्र लिख रहे हैं.
चुनाव आयोग ने इस वीडियो के माध्यम से मतदाता सूची पुनरीक्षण की प्रक्रिया को निष्पक्ष साबित करने की कोशिश की है.
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पीएके/डीकेपी