मतदाता सूची पुनरीक्षण अभियान इंडिया गठबंधन के वोटरों को परेशान करने की कोशिश: रंजीत रंजन

New Delhi, 29 जून . कांग्रेस की राज्यसभा सांसद रंजीत रंजन ने Maharashtra, Haryana और बिहार में हाल के चुनावों में कथित अनियमितताओं और देश में बढ़ती महिला असुरक्षा को लेकर केंद्र Government और भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) पर तीखा हमला बोला है.

उन्होंने चुनाव आयोग की जवाबदेही पर सवाल उठाते हुए कहा कि Maharashtra में वोटर लिस्ट में असामान्य वृद्धि और वीवीपैट के आंकड़ों में गड़बड़ी जैसे गंभीर मुद्दों पर आयोग ने कोई जवाब नहीं दिया.

रंजन ने कहा, “चुनाव आयोग के कानून के तहत अगर कोई भी पार्टी जवाब मांगे तब जवाब देना पड़ता है. आपने जवाब नहीं दिया. हमने मशीन-रीडेबल डिजिटल वोटर लिस्ट और cctv फुटेज की मांग की, लेकिन चुनाव आयोग ने कोई जवाब नहीं दिया. 40 लाख वोटर कैसे बढ़ गए? वीवीपैट और वोटों का मिलान क्यों नहीं हुआ? Haryana और बिहार में भी ऐसी ही अनियमितताएं सामने आई हैं. यह सब इंडिया गठबंधन के वोटरों को प्रभावित करने और उनके मताधिकार को रोकने की साजिश है.”

बिहार में आगामी विधानसभा चुनावों की तैयारी के तहत निर्वाचन आयोग ने राज्यभर में मतदाता सूची का विशेष गहन पुनरीक्षण शुरू किया है, जिसको लेकर रंजीत रंजन ने कहा कि चुनाव आयोग के फैसले का समय संदिग्ध है, क्योंकि Maharashtra और Haryana चुनावों में कई गलत चीजें हुईं. जब चुनाव में कुछ महीने बचे हैं, तो आप मतदाता की जानकारी के बारे में पूछ रहे हैं.

कोलकाता गैंगरेप मामले पर कांग्रेस की राज्यसभा सांसद रंजीत रंजन ने कहा कि किसी भी राज्य में बच्चों या लड़कियों के साथ दुराचार या बलात्कार की कोई भी घटना पूरी तरह से निंदनीय है. बलात्कारी और असामाजिक तत्वों को कड़ी से कड़ी सजा मिलनी चाहिए. बंगाल की घटना भी पूरी तरह से निंदनीय है. हाल ही में आई अमेरिकी रिपोर्ट में Odisha, छत्तीसगढ़, Madhya Pradesh और पश्चिम बंगाल समेत India के छह राज्यों का जिक्र किया गया है, जहां महिलाएं लगातार असुरक्षित होती जा रही हैं. इनमें से ज्यादातर भाजपा शासित हैं. जाहिर है, भाजपा को इन अपराधों का Politicalरण नहीं करना चाहिए.

उन्होंने भाजपा और राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) पर संविधान को बदलने और वंचित वर्गों, दलितों और आदिवासियों के अधिकारों को कमजोर करने का इरादा रखने का आरोप लगाया. रंजन ने कहा, भाजपा और आरएसएस की मानसिकता में मनुस्मृति की सोच है. वे संविधान को बदलना चाहते हैं और गरीबों, दलितों और वंचितों के अधिकार छीनना चाहते हैं. देश बेरोजगारी, महंगाई और महिला सुरक्षा जैसे मुद्दों से जूझ रहा है, लेकिन भाजपा का ध्यान केवल सत्ता की राजनीति पर है.

एकेएस/डीएससी