‘वोटर अधिकार यात्रा’ मतलब ‘बेसलेस लोगों की ब्रेनलेस यात्रा’ : मुख्तार अब्बास नकवी

New Delhi, 17 अगस्त . Lok Sabha में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी ने Sunday को बिहार के सासाराम से ‘वोटर अधिकार यात्रा’ शुरू की. इस यात्रा का उद्देश्य मतदाता सूची में कथित अनियमितताओं और ‘वोट चोरी’ के खिलाफ जागरूकता फैलाना है. इस यात्रा में राजद नेता तेजस्वी यादव, कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे और इंडिया गठबंधन के अन्य नेता भी शामिल हुए. इस यात्रा को भाजपा के वरिष्ठ नेता मुख्तार अब्बास नकवी ने ‘बेसलेस लोगों की ब्रेनलेस यात्रा’ करार दिया है.

नकवी ने से बातचीत में कहा कि विपक्ष फर्जी वोटों के बचाव में बाउंसर बनकर बवाल कर रहा है, लेकिन यह उनकी चालाकी को उजागर करता है, जिसे बिहार की जनता जानती है. बिहार की जनता उनके बहकावे में नहीं आने वाली है.

नकवी ने दावा किया कि 1951 से 1984 तक कांग्रेस को 45-50 प्रतिशत वोट मिले, तब किसी विपक्षी दल ने ‘वोट चोरी’ का आरोप नहीं लगाया और जनादेश को स्वीकार किया गया.

उन्होंने कहा कि मोदी सरकार पिछले 11 वर्षों से सुशासन के रास्ते पर आगे बढ़ रही है, जबकि विपक्ष झूठे तथ्यों और ‘वोट चोरी’ के आरोपों के जरिए जनता को गुमराह करने की कोशिश कर रहा है.

नकवी ने विपक्ष को ‘सामंती सियासत का सत्तालोलुप सुल्तान’ बताया और कहा कि उनकी यह यात्रा जनादेश को प्रभावित करने में नाकाम रहेगी और चारों खाने चित्त हो जाएगी. उन्होंने विपक्ष पर मुद्दों की कमी और फर्जी मतदाताओं का समर्थन करने का आरोप लगाया.

उन्होंने कहा कि विपक्ष को अपनी बात रखने का अधिकार है, लेकिन इसका मतलब यह नहीं कि वे चुनाव आयोग को ‘चोर’ कहें.

नकवी ने कांग्रेस के कमजोर होते जनाधार और बढ़ते अहंकार पर भी तंज कसा.

संघ के खिलाफ विपक्ष के बयानों पर भाजपा नेता ने कहा कि संगठन ने विपक्ष के दुष्प्रचार को नजरअंदाज कर सांस्कृतिक राष्ट्रवाद के समावेशी सफर को आगे बढ़ाया है. संघ के खिलाफ तमाम दुराग्रहों और विरोध के माहौल के बावजूद, संगठन ने बिना रुके अपनी तपस्या के जरिए कार्य किया और आज यह दुनिया का सबसे बड़ा संगठन बन चुका है.

उन्होंने विपक्ष पर ‘तालिबानी सोच’ और ‘विकृत मानसिकता’ का आरोप लगाया, जो राष्ट्रवादी संगठन के खिलाफ निराधार आरोप लगाते हैं.

एनसीईआरटी के मॉड्यूल को लेकर भाजपा नेता ने कहा कि इतिहास के साथ पहले जो आपराधिक अत्याचार किया गया था, उसे ठीक करने की जरूरत थी, और यह काम किया गया है.

उन्होंने दावा किया कि इतिहास को सुधारने की यह प्रक्रिया उन लोगों को दर्द दे रही है, जिनका विभाजन के पीछे हाथ था.

डीकेएम/एबीएम