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देहरादून, 10 नवंबर . उत्तराखंड के Chief Minister पुष्कर सिंह धामी ने देहरादून में उत्तराखंड राज्य की रजत जयंती के अवसर पर पर्यटन विभाग द्वारा आयोजित समारोह को संबोधित किया.
उन्होंने कहा कि किसी ने नहीं सोचा था कि हमारा नया राज्य इतनी तेजी के साथ तरक्की कर सकेगा. यह उन सभी आंदोलकारियों, मातृशक्ति और युवाओं का योगदान है कि हमारा राज्य आज हर क्षेत्र में आगे बढ़ रहा है और कीर्तिमान स्थापित कर रहा है.
उन्होंने कहा कि Prime Minister Narendra Modi के नेतृत्व में हमारी Government राज्य के सर्वांगीण विकास के लिए काम कर रही है. आज राज्य में पर्यटन, शिक्षा, स्वास्थ्य और पेयजल जैसे क्षेत्रों में इंफ्रास्ट्रक्चर को विकसित किया जा रहा है. जहां पहले कभी सड़कें बनना मुश्किल था, वहां ऑल-वेदर सड़कों का निर्माण किया जा रहा है. जहां संचार कभी एक सपना हुआ करता था, वहां डिजिटल उत्तराखंड आकार ले रहा है. युवाओं को पहले रोजगार के लिए दूसरे राज्यों के लिए पलायन करना पड़ता था, लेकिन आज युवा यहीं रहकर अलग-अलग क्षेत्रों में शानदार प्रदर्शन कर रहे हैं.
Chief Minister पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि हमारे सामने अगले 25 वर्षों का विजन है, स्वर्णिम उत्तराखंड का निर्माण. हमने एक स्पष्ट दिशा तय की है. पर्यटन, स्वास्थ्य और आध्यात्म के क्षेत्र में काम करना. विशेषकर आध्यात्मिक राजधानी में अपार संभावनाएं हैं.
सीएम धामी ने कहा कि 25 वर्षों में उत्तराखंड ने विकास के हर क्षेत्र में उल्लेखनीय प्रगति की है. प्रदेश में पर्यटन, शिक्षा, स्वास्थ्य, पेयजल और कनेक्टिविटी सहित सभी प्रमुख क्षेत्रों में आधारभूत ढांचे को सुदृढ़ किया जा रहा है. नई पर्यटन नीति लागू होने के बाद प्रदेश में 5,500 करोड़ रुपए से अधिक की परियोजनाएं प्रगति पर हैं, जो निश्चित रूप से रोजगार सृजन और आर्थिक सशक्तिकरण की दिशा में मील का पत्थर साबित होंगी.
इससे पहले सीएम पुष्कर धामी ने देहरादून में पर्यटन विभाग द्वारा राज्य स्थापना दिवस के रजत जयंती उत्सव पर आयोजित उत्तराखण्ड@ 25 ‘रोमांच, अध्यात्म और अनोखी संस्कृति का उत्सव’ कार्यक्रम में नीति (चमोली) में आयोजित होने वाले अल्ट्रा मैराथन के लोगो का अनावरण एवं पर्यटन विभाग की कॉफी टेबल बुक का विमोचन किया.
इस अवसर पर फोटो प्रदर्शनी के विजेताओं, उत्कृष्ट होम स्टे संचालकों, एस्ट्रो टूर गाइड, टूर मैनेजर एवं काला नाग चोटी का सफल आरोहण करने वाले पर्वतारोहियों और आईटीबीपी के 13 सदस्यीय दल को सम्मानित किया.
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एमएस/डीकेपी