Lucknow, 13 अगस्त . उत्तर प्रदेश के विधानमंडल के मानसून सत्र के तीसरे दिन Wednesday को विधानसभा में विजन डॉक्यूमेंट-2047 (विकसित भारत-विकसित उत्तर प्रदेश, आत्मनिर्भर भारत-आत्मनिर्भर उत्तर प्रदेश) पर चर्चा जारी है.
संसदीय कार्यमंत्री द्वारा विधानसभा में पेश हुए विजन डॉक्यूमेंट में उत्तर प्रदेश Government ने 2047 तक राज्य को पूर्णतः विकसित, आत्मनिर्भर और वैश्विक स्तर पर प्रतिस्पर्धी बनाने के लिए बहुआयामी विकास लक्ष्यों को अपनाने की बात कही गई है. इसमें जीरो पावर्टी, कृषि समृद्धि, गुणवत्तापूर्ण शिक्षा, स्वास्थ्य सुविधाओं में सुधार, महिलाओं की रोजगार सहभागिता में वृद्धि और विश्वस्तरीय अवसंरचना का विकास शामिल है.
विधानसभा पेश हुए डॉक्यूमेंट के अनुसार, 2017 से 2025 तक राज्य ने आर्थिक, औद्योगिक और आधारभूत संरचना में उल्लेखनीय प्रगति की है. इस अवधि में राज्य का सकल घरेलू उत्पाद (जीएसडीपी) 12.71 लाख करोड़ रुपये से बढ़कर 35 लाख करोड़ रुपये तक पहुंचने का अनुमान है. राज्य का स्वयं का कर राजस्व 85,966 करोड़ रुपये से बढ़कर 2,12,615 करोड़ रुपये हो गया, यानी 147 प्रतिशत वृद्धि. राज्य Government ने कृषि क्षेत्र में उच्च मूल्य वाली फसलों, कृषि विविधीकरण, डेरी, मत्स्य पालन, खाद्य प्रसंस्करण और ऑर्गेनिक खेती को बढ़ावा दिया है.
किसानों को राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय बाजार तक पहुंच देने के लिए कोल्ड चेन नेटवर्क और फूड प्रोसेसिंग हब स्थापित किए गए हैं. महिला सशक्तिकरण के लिए शिक्षा, तकनीकी प्रशिक्षण और रोजगार में महिलाओं की भागीदारी बढ़ाने पर जोर दिया जा रहा है. इसके साथ ही ग्राम पंचायतों को डिजिटाइजेशन के माध्यम से आर्थिक रूप से आत्मनिर्भर बनाने और कुटीर उद्योगों को बढ़ावा देने की योजना है.
पर्यावरण संरक्षण के लिए वृक्षारोपण अभियान और ‘एडवांस कार्बन क्रेडिट’ योजना लागू की गई है. साथ ही नदियों का चैनलाइजेशन और अंतरराष्ट्रीय सीमा की सुरक्षा सुनिश्चित की जा रही है. प्रदेश में आईटी, लॉजिस्टिक्स और औद्योगिक हब विकसित करने के साथ-साथ अंतरराष्ट्रीय मानकों की शिक्षा और स्वास्थ्य सेवाएं उपलब्ध कराना, रोजगार के अवसर बढ़ाना और हरित एवं प्रदूषण मुक्त वातावरण सुनिश्चित करना भी लक्ष्य है.
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विकेटी/डीएससी