भोपाल, 8 जनवरी . मध्यप्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री और दिग्गज कांग्रेसी नेता कमलनाथ ने सोमवार को भोपाल में आयोजित एक बैठक में प्रदेश कांग्रेस के नेताओं को ही खरी-खोटी सुनाई थी. उन्होंने इस मीटिंग में यहां तक कहा कि प्रदेश कांग्रेस में मेरी कोई पूछ नहीं है. इस पर प्रदेश सरकार में मंत्री और भाजपा नेता विश्वास सारंग ने कहा कि गुटबाजी के चलते पुराने नेताओं को नजरअंदाज करने की कांग्रेस की आदत रही है.
उन्होंने से बात करते हुए कहा, “कांग्रेस तो वैसे भी हमेशा गुटों और गिरोहों में बटी रही है. हर गुट अपने-अपने नेताओं को बढ़ावा देने में लगा रहता है और पुराने नेताओं को नजरअंदाज करने की आदत कांग्रेस की रही है. अब जो कमलनाथ और दिग्विजय सिंह ने किया है, उनके समर्थक भी वही कर रहे हैं. इसमें कोई नई बात नहीं है. कमलनाथ ने भी कुछ ऐसा ही किया था. आज वे ट्वीट करके अपनी पीड़ा व्यक्त कर रहे हैं, लेकिन जब वे मुख्यमंत्री थे, तो उन्होंने क्या किया था? महाराष्ट्र में भी कांग्रेस की हालत मध्य प्रदेश जैसी हो रही है. सिर्फ महाराष्ट्र में ही नहीं, पूरे देश में कांग्रेस की स्थिति कमजोर हो गई है. कांग्रेस का अब कोई ठिकाना नहीं रहा.”
बता दें कि कमलनाथ ने कहा था कि इस समय ऐसा हो रहा है कि पार्टी में नियुक्तियों के बारे में मुझसे पूछा तक नहीं जाता. चाहे कोई भी नियुक्ति हो, इसे लेकर वरिष्ठ नेताओं से चर्चा की जानी चाहिए. हमारी बैठकों की कोई जानकारी नहीं मिलती, मुझे अखबार से यह पता चलता है कि कांग्रेस की बैठक हुई थी.
राज्य की पार्थ योजना पर कांग्रेस अध्यक्ष जीतू पटवारी के विरोध पर सारंग ने कहा, “मुझे यह देखकर हैरानी होती है कि कांग्रेस सिर्फ नकारात्मक राजनीति करती है. हमने जो अच्छी योजना शुरू की है, उसकी सराहना करनी चाहिए. लेकिन, कांग्रेस वाले उसी दिन से उसकी आलोचना शुरू कर देते हैं. इससे उनकी मानसिकता का पता चलता है. नकारात्मकता से राजनीति नहीं चलती, यह तो सकारात्मकता से चलती है.”
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