आसनसोल, 31 जनवरी . प्रयागराज महाकुंभ में मौनी अमावस्या के दिन मची भगदड़ में कम से कम 30 लोगों की मौत हो गई थी. मृतकों में पश्चिम बंगाल के आसनसोल के जामुड़िया इलाके का भी व्यक्ति शामिल था. मौत की खबर सुनते ही परिवार वालों का रो-रोकर बुरा हाल है.
हादसे में आसनसोल के जामुड़िया के रहने वाले 42 वर्षीय विनोद रुइदास की मौत हो गई. विनोद का घर आसनसोल दुर्गापुर पुलिस कमिश्नरेट के जामुड़िया थाना के केंदा बाउरी पाड़ा में है. भगदड़ के दौरान भीड़ के द्वारा कुचले जाने के कारण उन्होंने अपना दम तोड़ दिया.
परिजनों का कहना है कि विनोद रुइदास अपने रिश्तेदारों और कुछ अन्य लोगों के साथ महाकुंभ में स्नान करने के लिए गए थे. विनोद का मोबाइल उस स्थान पर पड़ा मिला था, जहां भगदड़ मची थी. उनके मोबाइल को राजस्थान के एक व्यक्ति ने उठाया था. पुलिस पूछताछ के दौरान खबर मृतक के परिजनों तक पहुंची.
विनोद की मौत की खबर ने रिश्तेदारों को झकझोर कर रख दिया है. परिवार के सभी सदस्यों का रो-रोकर बुरा हाल है.
प्रयागराज महाकुंभ में मौनी अमावस्या के अवसर पर रात करीब 1.30 बजे मची भगदड़ के दौरान कई श्रद्धालु कुचले गए. अभी तक जारी सरकारी आंकड़ों के मुताबिक महाकुंभ में कम से कम 30 लोगों की मौत हुई है. उत्तर प्रदेश सरकार ने मृतक के परिजनों को 25-25 लाख रुपए मुआवजा देने का ऐलान किया है.
भगदड़ के कारणों की जांच के लिए तीन सदस्यीय न्यायिक आयोग की घोषणा की गई. इस पैनल में न्यायमूर्ति हर्ष कुमार, पूर्व महानिदेशक वी.के. गुप्ता और सेवानिवृत्त आईएएस अधिकारी वी.के. सिंह शामिल हैं. इसके अलावा प्रशासन ने मेला क्षेत्र में कुछ प्रमुख बदलाव किए हैं, जिससे कि ऐसी अप्रिय घटना दोबारा न हो.
इन बदलावों में मेला क्षेत्र को नो व्हीकल जोन में तब्दील करना, वीवीआईपी पास को रद्द करना, शहर में भीड़भाड़ कम करने के लिए पड़ोसी जिलों से आने वाले वाहनों को जिलों की सीमाओं पर ही रोकना प्रमुख है.
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एससीएच/एएस