चिन्मय दास नहीं, अब बांग्लादेश को भी है बचाने की बात : विनोद बंसल

नई दिल्ली, 2 जनवरी . बांग्लादेश अदालत द्वारा इस्कॉन के हिंदू पुजारी चिन्मय कृष्ण दास की जमानत याचिका खारिज करने पर विश्व हिंदू परिषद के प्रवक्ता विनोद बंसल ने कहा कि अब सिर्फ चिन्मय दास को बचाने की बात नहीं, बल्कि बांग्लादेश को बचाने की बात है.

विनोद बंसल ने कहा कि चिन्मय कृष्ण दास की रिहाई बहुत जरूरी है. उनको झूठे केस में फंसाया गया है. प्रधानमंत्री शेख हसीना देश छोड़ चुकी हैं. वहीं चीफ जस्टिस और राष्ट्रपति पर बहुत दबाव है. अदालत के अंदर मुस्लिम वकीलों ने कट्टरपंथ का प्रदर्शन क‍िया और भारत विरोधी नारे लगाए हैं.

उन्होंने बताया कि न्यायाधीश को जेल में बंद हिंदू नेता चिन्मय कृष्ण दास प्रभु की जमानत याचिका खारिज करने की धमकी दी गई थी. अब बात सिर्फ़ चिन्मय कृष्ण प्रभु को बचाने की नहीं अब बांग्लादेश को बचाने की बारी है, यह बर्बादी के रास्ते पर चल दिया है और जिहादियों का जन्नत बनता जा रहा है.

उन्होंने बताया कि नए साल के अवसर बांग्लादेश में हिंदू मंदिरों पर हमला हुआ है. इस्कॉन के दो भक्तों को मारा-पीटा गया. ऐसे में बांग्लादेश को बर्बादी के रास्ते से बचाने के लिए आगे आना पड़ेगा. भारत सरकार ने भी इसके प्रयास किए हैं. इसपर वर्ल्ड कम्युनिटी को जागना होगा.

वहीं, पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी द्वारा बांग्लादेशी घुसपैठियों के बीएसएफ की मदद से भारतीय सीमा में घुसने वाले बयान पर उन्होंने कहा कि एक राज्य की मुख्यमंत्री को ऐसे संवेदनशील मुद्दे पर बयान नहीं देने चाहिए. अगर उनके पास सच में कोई सबूत है, तो उसको गृह मंत्रालय को देना चाहिए. लेकिन ऐसी बयानबाजी नहीं करना चाहिए.

बता दें कि ममता बनर्जी के इस बयान के बाद राजनीतिक प्रतिक्रिया आनी शुरू हो गई.

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