राजौरी, 9 अप्रैल . जम्मू-कश्मीर के राजौरी जिले के दूरस्थ पंचायत दराज बी में किसानों के लिए एक नई शुरुआत की गई है. यहां ‘किसान खिदमत घर’ (एकल खिड़की सेवा केंद्र) का उद्घाटन किया गया. यह पहल होलिस्टिक एग्रीकल्चर डेवलपमेंट प्रोग्राम (एचएडीपी) के तहत चलाई जा रही है, जो उपराज्यपाल प्रशासन और केंद्र सरकार की साझेदारी में ग्रामीण कृषि को मजबूती देने की दिशा में एक बड़ा कदम है.
इस किसान सेवा केंद्र का उद्घाटन राजौरी के जिला उपायुक्त अभिषेक शर्मा ने किया. इस अवसर पर मुख्य कृषि अधिकारी सोहन सिंह और एसडीओ बुधल रंजन शर्मा भी उपस्थित रहे. यह केंद्र ग्रामीणों, विशेष रूप से किसानों के लिए एक डिजिटल बहुउद्देश्यीय सेवा केंद्र के रूप में कार्य करेगा, जहां कई प्रमुख सेवाएं प्रदान की जाएंगी.
किसान खिदमत घर में किसानों को एचएडीपी के तहत सब्सिडी पर बीज मिलेगा और कृषि सलाह दी जाएगी. प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना के लिए पंजीकरण की सुविधा उपलब्ध होगी. यहां से पासपोर्ट, पैन कार्ड, बिजली-पानी बिल भुगतान जैसे दस्तावेजों के आवेदन में सहायता होगी. इसके अलावा राशन कार्ड, फोटो प्रिंटिंग, और अन्य ऑनलाइन सेवाओं की सुविधा भी मिलेगी.
केंद्र के संचालन की जिम्मेदारी स्थानीय युवा अफरोज हमीद को सौंपी गई है, जिन्होंने इस पहल के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और केंद्र सरकार का आभार जताया. उन्होंने कहा, “यह केवल एक नौकरी नहीं है, बल्कि अपने समुदाय की सेवा करने का अवसर है.”
इस पहल का ग्रामीणों ने गर्मजोशी से स्वागत किया. स्थानीय बुजुर्गों और किसानों ने कहा कि यह केंद्र उनके लिए जीवन रेखा साबित होगा. एक बुजुर्ग ने कहा, “पहले हमें छोटी-छोटी सेवाओं के लिए दूर शहर जाना पड़ता था, अब सब कुछ हमारे गांव में ही उपलब्ध है.”
अधिकारियों ने बताया कि यह पहल सरकार के डिजिटल इंडिया मिशन को जमीनी स्तर तक पहुंचाने और युवाओं को आत्मनिर्भर बनाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण प्रयास है. आने वाले समय में ऐसे और केंद्रों की स्थापना की योजना है, जो ग्रामीण शासन में एक क्रांतिकारी परिवर्तन लाएगी. यह केंद्र न केवल सेवाओं की पहुंच बढ़ाएगा, बल्कि स्थानीय युवाओं के लिए रोजगार और उद्यमिता के नए द्वार भी खोलेगा.
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डीएससी/