शिमला, 19 नवंबर . हिमाचल भवन को अटैच करने के मामले पर लोक निर्माण मंत्री विक्रमादित्य सिंह ने कहा कि हाई कोर्ट से इस तरह के कई फैसले आते रहते हैं. कई आर्बिट्रेशन के मसले हैं, जिसमें सरकार पर लायबिलिटी रहती है. इसको लेकर सरकार सुप्रीम कोर्ट जा सकती है या फिर कानूनी राय ली जाएगी, इसमें हम यह तय करेंगे कि क्या कदम उठाए जाने चाहिए.
वहीं, उन्होंने नेता प्रतिपक्ष जयराम ठाकुर को भी इस विषय पर राजनीति नहीं करने की हिदायत दी है. उन्होंने कहा कि जयराम ठाकुर हर मामले में राजनीति करने की कोशिश कर रहे हैं. यह ऐसा पहला मामला नहीं है. इससे पहले भी जंगी थोपन पावर प्रोजेक्ट के मामले भी ऐसा कर चुके हैं.
उन्होंने कहा कि यह कोर्ट के मसले हैं और जयराम से आग्रह है कि वह हर मामले पर राजनीतिक अवसर तलाशना बंद कर दें, क्योंकि इससे उन्हें कुछ प्राप्त होने वाला नहीं है.
उन्होंने कहा कि इस तरह की राजनीति अपनी जगह है और कानून मसले अपनी जगह हैं.
उन्होंने जयराम ठाकुर को आड़े हाथों लेते हुए कहा कि उन्हें केंद्र सरकार से हिमाचल को सहयोग दिलाना चाहिए. लेकिन, वो इन मामलों में मौन धारण कर लेते हैं. उन्हें ऐसे विषयों पर राजनीति करने के बजाय हिमाचल के हितों के लिए सकारात्मक सोच के साथ आगे बढ़ना चाहिए, ताकि प्रदेश में विकास सुनिश्चित हो सके.
उल्लेखनीय है कि हिमाचल प्रदेश उच्च न्यायालय ने दिल्ली स्थित हिमाचल भवन को कुर्क करने का आदेश जारी किया, क्योंकि कांग्रेस के नेतृत्व वाली सुखविंदर सिंह सुक्खू सरकार लगभग 150 करोड़ रुपये के बिजली बिल का बकाया भुगतान करने में विफल रही है.
अदालत ने विद्युत विभाग के प्रधान सचिव को इस लापरवाही के लिए जिम्मेदार अधिकारियों की पहचान करने के लिए तथ्य-जांच करने का भी निर्देश दिया है.
अदालत का यह फैसला सुक्खू सरकार द्वारा 64 करोड़ रुपये चुकाने के पिछले आदेशों की अनदेखी करने के बाद आया है, जो अब ब्याज के कारण बढ़कर लगभग 150 करोड़ रुपये हो गया है.
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