शिमला, 26 सितंबर . फूड वेंडर्स के आईडेंटिफिकेशन मामले पर कांग्रेस पार्टी का शीर्ष नेतृत्व, हिमाचल सरकार के मंत्री विक्रमादित्य सिंह से नाराज बताए जा रहे हैं. लेकिन, गुरुवार को उन्होंने साफ किया कि पार्टी उनके साथ है.
दरअसल, उत्तर प्रदेश की तर्ज पर कांग्रेस शासित हिमाचल प्रदेश की कांग्रेस सरकार में लोक निर्माण एवं शहरी विकास मंत्री विक्रमादित्य सिंह ने रेहड़ी पटरी, रेस्टोरेंट, ढाबा और फास्ट-फूड संचालकों को अपनी पहचान दिखाने के आदेश के बाद प्रदेश की सियासत तेज हो गई है. कुछ लोग इसको उत्तर प्रदेश की योगी सरकार के आदेश की तरह देख रहे हैं. वहीं, विक्रमादित्य के इस फैसले से कांग्रेस पार्टी के शीर्ष नेतृत्व में नाराजगी की बात भी कही जा रही है. इसको लेकर विक्रमादित्य ने साफ किया कि पार्टी हमारे साथ है और हम पार्टी के ही व्यक्ति हैं. इसमें पार्टी की कोई नाराजगी की बात नहीं है. हम अपने नेताओं से हर विषय पर बात करते हैं.
इस मुद्दे पर फैसला बरकरार रहेगा या फिर वापस लिया जाएगा, इस सवाल के जवाब में कांग्रेस मंत्री ने कहा कि इस विषय पर एक सर्वदलीय समिति बनाई गई है, जिसमें कांग्रेस के मंत्री के साथ भाजपा के भी विधायक शामिल हैं. उन्होंने इस बात को दोहराया कि कोई भी हिमाचल में आकर रोजगार प्राप्त कर सकता है, पर प्रदेश के लोगों के हितों का ख्याल रखना, हमारी सरकार का दायित्व बनता है.
उन्होंने आगे बताया कि हिमाचल के हाईकोर्ट ने एक्ट के आधार पर समिति बनाने के निर्देश दिए हैं. इस पर कैसे आगे बढ़ना है, इसके लिए ऑल पार्टी बॉडी बनाई गई है, जिसमें कांग्रेस, भाजपा, सीपीआई और सीपीएम समेत सभी दलों के लोग हैं.
बता दें कि इससे पहले विक्रमादित्य सिंह ने कहा था कि, हिमाचल प्रदेश में शांति बनाना हमारी जिम्मेदारी है. यहां पर बाहरी लोगों का स्वागत है, लेकिन प्रदेश की आंतरिक सुरक्षा, लॉ एंड ऑर्डर और हाइजीन रखना हमारी जिम्मेदारी है. इसके लिए फूड वेंडर्स का आईडेंटिफिकेशन कराया जाएगा और यूपी के योगी सरकार के फैसले से इसका कोई लेना-देना नहीं है.
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एससीएच/जीकेटी