तुषार गांधी के बयान पर विजय वडेट्टीवार बोले, ‘सच बोलने वालों की आवाज दबाई नहीं जा सकती’

मुंबई, 15 मार्च . महाराष्ट्र कांग्रेस के नेता विजय वडेट्टीवार ने महात्मा गांधी के परपोते तुषार गांधी के भाजपा और आरएसएस पर दिए बयान का समर्थन किया है. वडेट्टीवार ने शनिवार को कहा कि तुषार ने जो कहा वह सच है. यदि सच बोलना अपराध है, तो उन्हें 10 बार फांसी पर चढ़ा दो, लेकिन सच बोलने वालों की आवाज दबाई नहीं जा सकती.

दरअसल, केरल के तिरुवनंतपुरम में एक कार्यक्रम में तुषार गांधी ने आरएसएस के संदर्भ में कहा था कि यह देश में कैंसर की तरह फैल रहा है. उनके इस बयान को लेकर भारी विरोध हुआ, लेकिन वो अपनी बात पर अड़े रहे और अंत में कहा कि गांधी की जय हो.

विजय वडेट्टीवार ने भाजपा और आरएसएस पर निशाना साधते हुए कहा कि गांधीजी की विचारधारा पर चलने वालों को उनकी हत्या करने वालों की सोच कभी पसंद नहीं आएगी. यह सरकार को चेतावनी है कि उनकी आवाज दबाई नहीं जा सकेगी.

तमिलनाडु के मंत्री दुरई मुरुगन के उत्तर भारतीयों पर द‍िए बयान के बारे में वडेट्टीवार ने कहा कि उन्होंने वह बयान नहीं सुना, लेकिन भाजपा और आरएसएस के नेताओं द्वारा जनसंख्या बढ़ाने या आपत्तिजनक टिप्पणी करने का समर्थन नहीं करना चाहिए. जनसंख्या का मुद्दा हर किसी को अपने तरीके से देखना चाहिए, न कि किसी मंत्री या आरएसएस के बयान से प्रभावित होना चाहिए.

तमिलनाडु के मंत्री दुरई मुरुगन ने एक कार्यक्रम को संबोधित करते हुए उत्तर भारतीय महिलाओं के संदर्भ में विवादित बयान दिया था. उन्होंने कहा था, “हमारी संस्कृति में एक पुरुष केवल एक महिला से विवाह करता है. लेकिन, उत्तर भारत में एक महिला के कई पति हो सकते हैं. कभी-कभी पांच या दस भी. यह उनकी परंपरा है और अगर कोई छोड़ता है, तो दूसरा उसकी जगह ले लेता है.”

एआईएमआईएम नेता असदुद्दीन ओवैसी की भाजपा और उसकी सरकार पर मुसलमानों के खिलाफ सत्ता के दुरुपयोग की बात पर वडेट्टीवार ने तंज कसा.

उन्होंने कहा कि ओवैसी भाजपा की ‘बी टीम’ की तरह काम करते हैं. वे भाजपा और हिंदुओं के खिलाफ बोलते रहते हैं, जिससे भाजपा को फायदा होता है. दोनों की मिलीभगत से भाजपा अपनी राजनीति चमकाती है.

रत्नागिरी के राजापुर में मस्जिद पर हमले के वायरल वीडियो पर वडेट्टीवार ने सरकार को घेरा. उन्होंने कहा कि भड़काऊ भाषण देने वाले मंत्रियों या नेताओं को बख्शा नहीं जाना चाहिए. चाहे हिंदू मंदिर हो, मस्जिद हो या गुरुद्वारा, किसी भी धार्मिक स्थल को नुकसान नहीं पहुंचना चाहिए. यह सरकार की जिम्मेदारी है कि वह सुरक्षा दे. अगर सरकार ही दो धर्मों के बीच आग लगाकर वोट की रोटियां सेंकना चाहती है, तो इसमें आम जनता क्या कर सकती है? उन्होंने सरकार से इस पर स्पष्ट रुख अपनाने की मांग की.

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