विजय शेखर शर्मा ने पेटीएम पेमेंट्स बैंक के अध्यक्ष, बोर्ड सदस्य पद से इस्तीफा दिया (लीड-1)

नई दिल्ली, 26 फरवरी . प्रमुख वित्तीय सेवा कंपनी पेटीएम ने सोमवार को कहा कि उसके संस्थापक और सीईओ विजय शेखर शर्मा ने पेटीएम पेमेंट्स बैंक लिमिटेड (पीपीबीएल) के गैर-कार्यकारी अध्यक्ष और बोर्ड सदस्य के पद से इस्तीफा दे दिया है, क्‍योंकि भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) बैंक के परिचालन पर प्रतिबंध लगाने के करीब पहुंच गया है.

बीएसई फाइलिंग में कंपनी ने कहा कि पीपीबीएल ने सेंट्रल बैंक ऑफ इंडिया के पूर्व अध्यक्ष श्रीनिवासन श्रीधर, सेवानिवृत्त आईएएस अधिकारी देवेंद्रनाथ सारंगी और रजनी सेखरी सिब्बल और बैंक ऑफ बड़ौदा के पूर्व कार्यकारी निदेशक अशोक कुमार गर्ग की नियुक्ति के साथ बोर्ड का पुनर्गठन किया है.

15 मार्च से बैंक संचालन पर आरबीआई के प्रतिबंध के बाद पीपीबीएल के भविष्य के व्यवसाय का नेतृत्व वन 97 कम्युनिकेशंस लिमिटेड (ओसीएल) द्वारा पुनर्गठित बोर्ड द्वारा किया जाएगा. वे हाल ही में स्वतंत्र निदेशक के रूप में शामिल हुए हैं.

फाइलिंग में कहा गया, “ओसीएल ने पेटीएम पेमेंट्स बैंक बोर्ड से अपना नामांकन वापस ले लिया है और विजय शेखर शर्मा ने अंशकालिक, गैर-कार्यकारी अध्यक्ष और बोर्ड सदस्य के रूप में पद छोड़ दिया है.”

कंपनी ने कहा कि वह अपने नामांकित व्यक्ति को हटाकर केवल स्वतंत्र और कार्यकारी निदेशकों वाले बोर्ड को चुनने के पीपीबीएल के कदम का समर्थन करती है.

कंपनी ने अपनी फाइलिंग में कहा, “कंपनी को अलग से सूचित किया गया है कि विजय शेखर शर्मा ने भी इस परिवर्तन को सक्षम करने के लिए पेटीएम पेमेंट्स बैंक के बोर्ड से इस्तीफा दे दिया है. पीपीबीएल ने हमें सूचित किया है कि वे एक नए अध्यक्ष की नियुक्ति की प्रक्रिया शुरू करेंगे.”

यह महत्वपूर्ण घटनाक्रम तब हुआ, जब केंद्रीय बैंक ने समय-सीमा 15 दिन बढ़ाकर 15 मार्च कर दी, जिसके बाद पेटीएम पेमेंट्स बैंक लिमिटेड को जमा स्वीकार करने से रोक दिया गया है.

पहले अंतिम तिथि 29 फरवरी तय की गई थी.

कंपनी ने अपने उपयोगकर्ताओं को आश्‍वस्त किया है कि क्यूआर कोड, साउंडबॉक्स और कार्ड मशीन सहित उसका मोबाइल ऐप 15 मार्च के बाद भी चालू रहेगा.

पेटीएम पेमेंट्स बैंक के एमडी और सीईओ सुरिंदर चावला ने कहा, “हम अपने बोर्ड में श्रीधर, सारंगी, गर्ग और सिब्बल की नियुक्ति का स्वागत करते हैं, जो पीपीबीएल की यात्रा में एक महत्वपूर्ण कदम है.”

एसजीके/