दिल्ली में आवारा कुत्तों की समस्या पर विचार गोष्ठी, विजय गोयल ने उठाया जन-स्वास्थ्य का मुद्दा

New Delhi, 31 अगस्त . कालकाजी पीपल्स फाउंडेशन के तत्वावधान में Sunday को दक्षिण दिल्ली के लक्ष्मीनारायण मंदिर कालकाजी में आवारा कुत्तों की समस्या को लेकर एक विचार गोष्ठी का आयोजन किया गया.

कालकाजी पीपल्स फाउंडेशन के चीफ कपिल गर्ग और संस्थापक अध्यक्ष कंचन गर्ग ने कार्यक्रम का आयोजन किया और इसकी अध्यक्षता पूर्व Union Minister विजय गोयल ने की.

विजय गोयल ने विचार गोष्ठी में दिल्ली में आवारा कुत्तों की समस्या पर गहरी चिंता जताई. उन्होंने कहा कि दिल्ली के हर गली-मोहल्ले में आवारा कुत्तों का आतंक आम जनमानस के लिए भय का कारण बना हुआ है. विशेष रूप से बच्चे, महिलाएं और बुजुर्ग इस समस्या से सबसे अधिक प्रभावित हैं. हर साल हजारों लोग कुत्तों के काटने का शिकार होते हैं, जिससे रेबीज जैसी घातक बीमारी का खतरा बढ़ता है. समय पर इलाज न मिलने पर यह जानलेवा साबित हो सकता है. स्कूल जाते बच्चों और साइकिल-स्कूटी चालकों पर भी कुत्तों के हमले की घटनाएं आम हैं.

विजय गोयल ने दिल्ली सरकार और दिल्ली नगर निगम (एमसीडी) पर एक-दूसरे पर जिम्मेदारी डालने का आरोप लगाया, जिसके चलते इस समस्या का कोई ठोस समाधान नहीं निकल पा रहा.

उन्होंने बताया कि नसबंदी और टीकाकरण अभियान धीमा और अपर्याप्त है, जबकि डॉग-बाइट की घटनाएं तेजी से बढ़ रही हैं.

Supreme court के निर्देशों का हवाला देते हुए विजय गोयल ने कहा कि कोर्ट ने स्पष्ट किया है कि नागरिकों की सुरक्षा सर्वोपरि है. कोर्ट ने आवारा कुत्तों को मारने के बजाय उनकी नसबंदी और टीकाकरण का आदेश दिया है. Supreme court ने राज्यों और नगर निगमों को यह निर्देश दिया है कि वे डॉग-बाइट पीड़ितों को मुआवजा दें, जन-जागरूकता अभियान चलाएं, टीकाकरण और नसबंदी की प्रभावी योजना लागू करें. कोर्ट ने यह साफ कह दिया है कि सभी नगर निगम नियमित रिपोर्ट प्रस्तुत करें कि कितने कुत्तों की नसबंदी और वैक्सीनेशन वर्तमान में हुई है.

उन्होंने सुझाव दिया कि नसबंदी और टीकाकरण अभियान को तेज और पारदर्शी बनाया जाए. दिल्ली में पर्याप्त डॉग शेल्टर स्थापित किए जाएं और पीड़ितों को तत्काल मुफ्त इलाज व मुआवजा प्रदान किया जाए. साथ ही, कुत्तों को खुले में खाना खिलाने के बजाय निश्चित स्थान पर भोजन देने की व्यवस्था हो.

विजय गोयल ने दिल्ली सरकार और एमसीडी से Supreme court के दिशा-निर्देशों के अनुरूप तत्काल ठोस कार्ययोजना बनाने की मांग की.

एकेएस/डीकेपी