बांग्लादेश में अल्पसंख्यकों की स्थिति पर इस्कॉन कोलकाता के उपाध्यक्ष ने जताया दुःख

कोलकाता, 27 नवंबर . बांग्लादेश में इस्कॉन से जुड़े संत चिन्मय कृष्ण दास की गिरफ्तारी की निंदा करते हुए कोलकाता इस्कॉन के उपाध्यक्ष राधा रमण दास ने घटना पर दुख जाहिर किया है.

राधा रमण दास ने से कहा, “बांग्लादेश में पिछले 100 दिन से जो तांडव चल रहा है वह रुकने का नाम नहीं ले रहा है. चिन्मय कृष्ण दास बांग्लादेश में अल्पसंख्यकों के खिलाफ होने वाली हिंसा के खिलाफ एक आवाज बन कर उभरे थे. हमने यह भी देखा की वहां पिछले कुछ दिनों में उनके धरने में चार-पांच लाख लोग आते थे. उनकी रैली में ही करीब चार-पांच लाख लोग आए थे. सभी अपनी आठ मांगों को लेकर शांतिपूर्ण तरीके से धरना दे रहे थे. उनकी मांगों में दुर्गा पूजा के दौरान पांच दिन की छुट्टी, अल्पसंख्यक कमीशन बोर्ड का गठन और ऐसी ही अन्य मांगें थीं. वे लोग चाहते थे कि बांग्लादेश सरकार इन मांगों को माने. लेकिन हमने देखा कि प्रशासन की तरफ से उन पर कार्रवाई की गई.

उन्होंने कहा, “हमने देखा कि उन पर देशद्रोह का मुकदमा दर्ज किया गया. दो दिन पहले जब वह ढाका से चटगांव जा रहे थे तो विमान से पुलिस ने उन्हें गिरफ्तार कर लिया. उनके साथ मौजूद भक्तों ने मुझे तुरंत इस बात की सूचना दी. बाद में उन्होंने बताया कि उन्हें पुलिस ले गई है, लेकिन उन्होंने यह नहीं बताया कि उन्हें कहां रखा जाएगा. इसके बाद वे लोग रात में ही उन्हें चटगांव लेकर आते हैं. उसके बाद हमने देखा कि जब कोर्ट में उन्हें प्रस्तुत किया गया तो 500 से 600 पुलिस वाले उन्हें घेरकर चल रहे हैं.”

उन्होंने कहा कि ऐसा लग रहा था जैसे आईएसआईएस या उससे भी बड़े आतंकी संगठन का कोई सरगना हो. उनकी कोर्ट में जमानत याचिका खारिज कर दी गई. उसके बाद अदालत परिसर में उनके समर्थन में जो लोग खड़े थे, उनको भी पुलिस ने पीटा. इसके बाद पता चला कि पुलिस के साथ इस्लामिक गुंडों ने भी मिलकर उनको पीटा.

राधा रमण दास ने कहा कि मोहम्मद इस्लाम नाम का एक वकील, जो बहुत ही कम उम्र का था, उसकी भी हत्या कर दी गई. इसके बाद पता चला कि रात में इस्लामिक भीड़ हिंदू इलाकों में जाकर नारे लगा रहे हैं कि एक-एक इस्कोनाइट की पकड़-पकड़ कर हत्या करेंगे. वहां काली मंदिर और बहुत सारे घरों को जला दिया गया है. मंगलवार को 250 से ज्यादा लोग घायल हुए हैं और कई लोगों की हत्या हो गई है.

अंत में उन्होंने दुख जताते हुए कहा, “नरसंहार किया जा रहा है. मृतकों के शवों को लेकर लोग जा रहे हैं. बांग्लादेश में हालात बहुत खराब हैं. पिछले कई दिनों से मैं सो नहीं पाया हूं. सो भी कैसे पाऊं कि जब इतने सारे लोग मदद मांग कर रो रहे हैं. मैं भी इंसान हूं. इतनी पुकारों पर मैं कुछ नहीं कर पा रहा हूं. मुझे बहुत दुख होता है. मैं सिर्फ सोशल मीडिया पर उन लोगों के लिए पोस्ट करने के अलावा कुछ नहीं कर पा रहा हूं.”

पीएसएम/एकेजे