गुजरात: जिम्बाब्वे के उपराष्ट्रपति का सूरत दौरा, हीरा और कपास उद्योग में निवेश की अपील

सूरत, 23 अगस्त . दक्षिणी गुजरात चैंबर ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्री (एसजीसीसीआई) के निमंत्रण पर जिम्बाब्वे के उपराष्ट्रपति जनरल (सेवानिवृत्त) डॉ. सीजीडीएन चिवेंगा दो दिवसीय दौरे पर सूरत पहुंचे. उनके साथ जिम्बाब्वे के कैबिनेट सदस्य राज मोदी, माफीदी मनांगाग्वा, राजदूत स्टेला नकोमो और शीर्ष सचिवालय का एक प्रतिनिधिमंडल भी शामिल था. इस दौरे का उद्देश्य भारत और जिम्बाब्वे के बीच व्यापारिक और निवेश संबंधों को मजबूत करना था.

सूरत के सरसाना डॉम में आयोजित एक विशेष कार्यक्रम में उपराष्ट्रपति डॉ. चिवेंगा ने सूरत के कारोबारियों से जिम्बाब्वे में निवेश की अपील की. इस अवसर पर कृषि, दुग्ध उत्पादन, हीरा उद्योग, वस्त्र उद्योग, खनन, शिक्षा, ऊर्जा और अन्य क्षेत्रों से जुड़े कारोबारी और औद्योगिक संगठनों के प्रतिनिधि मौजूद थे.

डॉ. चिवेंगा ने नौ प्रमुख क्षेत्रों में निवेश की संभावनाओं पर जोर दिया, विशेष रूप से हीरा और कपास उद्योग प्रमुख रहा. उन्होंने कहा, “सूरत हीरा तराशने में दुनिया में अग्रणी है. हम चाहते हैं कि सूरत के कारोबारी जिम्बाब्वे में इस क्षेत्र में निवेश करें. इसके अलावा, गुजरात कपास उत्पादन में अग्रणी है और जिम्बाब्वे भी इस क्षेत्र में प्रगति कर रहा है. हम गुजरात के साथ साझेदारी कर कपास उत्पादन में मूल्यवृद्धि करना चाहते हैं.”

डॉ. चिवेंगा ने मीडिया से बातचीत में सूरत के कारोबारियों को जिम्बाब्वे आने का निमंत्रण दिया. उन्होंने कहा, “हम सूरत के व्यापारिक समुदाय को जिम्बाब्वे में निवेश के लिए प्रोत्साहित कर रहे हैं. दक्षिणी गुजरात चैंबर ऑफ कॉमर्स के नेतृत्व में विभिन्न कंपनियों के साथ हमारी सकारात्मक चर्चा हुई है.”

उन्होंने भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की नेतृत्व क्षमता की सराहना करते हुए कहा, “ब्रिक्स में भारत का प्रदर्शन शानदार रहा. भारत जल्द ही दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनेगा, और हमें इस पर गर्व है.”

जिम्बाब्वे में भारतीय निवेशकों की सुरक्षा के सवाल पर उन्होंने आश्वासन दिया कि जिम्बाब्वे सभी के लिए सुरक्षित है और व्यापार के लिए अनुकूल माहौल प्रदान करता है.

सूरत चैंबर ऑफ कॉमर्स के प्रमुख निखिल मद्रासी ने इस दौरे को सकारात्मक बताते हुए कहा, “जिम्बाब्वे में स्थानीय कारोबारियों के लिए कई अवसर हैं. अमेरिका द्वारा टैरिफ लागू किए जाने के बाद जिम्बाब्वे जैसे देश व्यापार के लिए आकर्षक विकल्प बन रहे हैं.”

उन्होंने बताया कि जिम्बाब्वे के प्रतिनिधिमंडल ने सूरत में हीरा, वस्त्र, पर्यटन और कृषि क्षेत्रों में उपलब्ध अवसरों पर विस्तृत चर्चा की. यह दौरा दोनों देशों के बीच आर्थिक सहयोग को बढ़ावा देने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है.

सूरत के कारोबारी समुदाय ने इस पहल का स्वागत किया है और भविष्य में जिम्बाब्वे के साथ व्यापारिक संबंधों को और मजबूत करने की उम्मीद जताई है.

एकेएस/डीकेपी