आरएसएस पर प्रतिबंध को लेकर विहिप का कर्नाटक सरकार पर तंज, देशप्रेमियों को जितना रोकोगे उतना झेलोगे

Bengaluru, 28 अक्टूबर . कर्नाटक की सिद्धारमैया Government को एक बार फिर हाईकोर्ट से करारा झटका लगा है. विश्व हिंदू परिषद (विहिप) के राष्ट्रीय प्रवक्ता विनोद बंसल ने Tuesday को आरोप लगाया कि आरएसएस से नफरत में Government तुगलकी फरमान जारी कर रही है.

विश्व हिंदू परिषद के राष्ट्रीय प्रवक्ता विनोद बंसल ने social media प्लेटफॉर्म एक्स पर पोस्ट करके कर्नाटक की सिद्धारमैया Government पर तीखा हमला बोला. उन्होंने लिखा, “सिद्धारमैया के नेतृत्व वाली कांग्रेस Government को फिर से करारा झटका… सनातन विरोधी मंत्री आपस में होड़ लगा रहे हैं और अपनी ही Government को बार-बार झटका दे रहे हैं!”

उन्होंने आरोप लगाया कि आरएसएस से नफरत में Government तुगलकी फरमान जारी कर रही है, जो संविधान की भावना के खिलाफ है.

दरअसल, कर्नाटक हाईकोर्ट ने राज्य Government के उस आदेश पर रोक लगा दी है, जिसमें सार्वजनिक पार्कों, मैदानों और झील किनारे 10 से अधिक लोगों के इकट्ठा होने पर अनुमति अनिवार्य की गई थी. कोर्ट ने इसे संविधान के अनुच्छेद 19(1)(ए) के तहत अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता और सभा के अधिकार का उल्लंघन बताया. विहिप ने इसे सनातन संस्कृति और देशभक्ति पर हमला करार दिया है.

विनोद बंसल ने सवाल किया, क्या लोग पार्क में योग, ध्यान, प्रार्थना या सामूहिक गायन नहीं कर सकते? उन्होंने याद दिलाया कि पहले भी हाईकोर्ट ने आरएसएस के पथ संचलन पर रोक लगाने के Governmentी फैसले को गलत ठहराया था. बंसल ने चेतावनी देते हुए कहा, “देशप्रेमियों को जितना रोकोगे, उतना झेलोगे.”

यह विवाद तब शुरू हुआ, जब Bengaluru नगर निगम (बीबीएमपी) ने शहर के पार्कों में सुबह-शाम आरएसएस की शाखाओं और सामूहिक गतिविधियों पर पाबंदी लगाने का आदेश जारी किया. Government का तर्क था कि इससे स्थानीय निवासियों को असुविधा हो रही है और पार्कों का दुरुपयोग हो रहा है, लेकिन आरएसएस और विहिप ने इसे विचारधारा से प्रेरित कार्रवाई बताया.

हाईकोर्ट की एकल पीठ ने याचिका पर सुनवाई करते हुए कहा, “सार्वजनिक स्थान सभी के लिए हैं. 10 लोगों की सीमा मनमानी है. जब तक ठोस आधार न हो, ऐसा प्रतिबंध नहीं लगाया जा सकता.” कोर्ट ने Government से दो सप्ताह में जवाब मांगा है.

एससीएच/वीसी