मुंबई, 27 मई . शिवसेना (यूबीटी) सांसद संजय राउत के ‘ऑपरेशन सिंदूर’ को फेलियर बताने वाले बयान पर सियासत तेज हो गई है. विश्व हिंदू परिषद (वीएचपी) के राष्ट्रीय प्रवक्ता श्रीराज नायर ने मंगलवार को राउत के इस बयान पर जमकर निशाना साधा.
विश्व हिंदू परिषद के राष्ट्रीय प्रवक्ता श्रीराज नायर ने समाचार एजेंसी से बात करते हुए कहा, “संजय राउत को कोई गंभीरता से नहीं लेता. कभी पीएम मोदी और केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह की प्रशंसा करते हैं. उनका वीडियो आज भी इंटरनेट पर घूम रहा है. राउत जैसे नेता चापलूसी और चमचागिरी के बल पर राजनीति करते हैं, उन्होंने कभी जमीनी स्तर पर काम नहीं किया. पीएम मोदी और अमित शाह जैसे महान नेता के सामने ये नेता केवल बड़बोलेपन तक सीमित हैं. ऐसे लोग राजनीति में गंभीरता का विषय नहीं, बल्कि मजाक बनकर रह जाते है और जनता भी अब इन्हें उसी नजर से देखती है.”
विदेश मंत्री एस जयशंकर द्वारा ऑपरेशन सिंदूर के बारे में पाकिस्तान को बताने और इसको लेकर विपक्ष के रूख पर उन्होंने कहा, “जब स्वयं विदेश मंत्री ने स्पष्टीकरण दे दिया है, तो इस पर और कुछ कहना अनावश्यक है. विपक्ष जिस प्रकार से युद्ध जैसे गंभीर विषय पर गैर-जिम्मेदाराना बयानबाजी कर रहा है, वह बेहद दुर्भाग्यपूर्ण है. देश की एकता और सेना के मनोबल को ठेस पहुंचाने वाले ऐसे बयान अस्वीकार्य हैं. पाकिस्तान जैसे देशों में भी विपक्ष इस तरह की प्रतिक्रिया नहीं देता. जब स्थिति स्पष्ट हो चुकी है, तब इस विषय पर अनावश्यक विवाद समाप्त होना चाहिए और सभी को राष्ट्रहित में एकजुट होकर काम करना चाहिए.”
पाकिस्तान को बेनकाब करने के लिए सर्वदलीय प्रतिनिधिमंडल में शामिल एनसीपी नेता सुप्रिया सुले के हालिया बयान पर नायर ने कहा, “सुप्रिया सुले का बयान सराहनीय है और वह हमारी भावना से पूर्णतः सहमत हैं. प्रधानमंत्री मोदी एक वैश्विक नेता हैं, जिन्होंने कठिन परिस्थितियों में साहसिक फैसले लेकर देश का नेतृत्व किया. विशेष रूप से विदेश नीति के क्षेत्र में उनकी रणनीति को विश्व भर में सराहना मिली है. ‘ऑपरेशन सिंदूर’ के बाद भारत की छवि अंतरराष्ट्रीय मंचों पर और मजबूत हुई है. पाकिस्तान द्वारा प्रायोजित आतंकवाद को भारत कई दशकों से झेल रहा है और मोदी सरकार ने उसका डटकर सामना किया है, जो पूरी दुनिया देख रही है.”
भाजपा सांसद के 1971 भारत पाकिस्तान युद्ध पर उस समय के नेतृत्व को लेकर उठाए सवाल को लेकर उन्होंने कहा, “एक सांसद ने स्वर्गीय इंदिरा गांधी पर टिप्पणी करते हुए सही प्रश्न उठाया है. जब 1971 में भारत ने 90,000 से ज्यादा पाकिस्तानी सैनिकों को बंदी बनाया और पाकिस्तान के दो टुकड़े कर दिए, तब हमें पाक अधिकृत कश्मीर और करतारपुर साहिब को भी भारत में शामिल कर लेना चाहिए था. बाबू जगजीवन राम ने भी यही कहा था. उस समय निर्णय लेते वक्त राष्ट्रीय हितों को प्राथमिकता देनी चाहिए थी. यह सवाल आज भी प्रासंगिक है कि भारत ने उस ऐतिहासिक अवसर का पूरा लाभ क्यों नहीं उठाया.”
–
एससीएच/जीकेटी