उत्तरकाशी, 21 जुलाई . उत्तराखंड में बीते कुछ समय से हो रही भारी बारिश का असर अब पहाड़ों पर पड़ने लगा है. उत्तराखंड के कई क्षेत्रों में लगातार भूस्खलन की घटनाएं दर्ज की जा रही है.
गौरीकुंड- केदारनाथ पैदल मार्ग के बाद उत्तरकाशी से भी भूस्खलन की खबर है. भारी बारिश के कारण गंगोत्री राष्ट्रीय राजमार्ग-34 पर पहाड़ दरक कर गिरने लगे जिसके चलते गंगोत्री हाईवे बंद करना पड़ा और रास्ते में वाहनों की लंबी कतारें लग गईं.
बताया जा रहा है कि भूस्खलन की घटना बिशनपुर के पास हुई. रविवार सुबह अचानक पहाड़ों से मलबा नेशनल हाईवे पर आकर गिर गया. हालांकि, इस दौरान कोई जनहानि नहीं हुई. घटना की सूचना मिलते ही पुलिस-प्रशासन मौके पर पहुंचा और सीमा सड़क संगठन (बीआरओ) की मदद से मलबा हटाया जा रहा है.
बीआरओ ने राष्ट्रीय राजमार्ग से मलबा हटाने के लिए जेसीबी की दो मशीनों को लगाया है. इसके साथ ही पुलिस ने रास्ता बंद होने के कारण कांवड़ियों को भी रोक दिया है.
बता दें कि रविवार सुबह गौरीकुंड-केदारनाथ पैदल के चिरबासा मार्ग पर भी भूस्खलन हुआ. गौरीकुंड-केदारनाथ पैदल मार्ग पर पहाड़ी से अचानक मलबा गिर गया और इसकी चपेट में आने से तीन यात्रियों की मौके पर ही मौत हो गई और दो घायल हो गए.
ये घटना उस समय हुई, जब तीर्थयात्री पैदल ही केदारनाथ मंदिर की ओर जा रहे थे. इस हादसे पर उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने भी दुख जताया है. साथ ही उन्होंने घायलों के बेहतर इलाज के निर्देश दिए हैं. सीएम ने एक ट्वीट कर कहा, ” केदारनाथ यात्रा मार्ग के पास पहाड़ी से मलबा व भारी पत्थर गिरने से कुछ यात्रियों के हताहत होने का समाचार अत्यंत दुःखद है. घटनास्थल पर राहत एवं बचाव कार्य जारी है. इस संबंध में निरंतर अधिकारियों के संपर्क में हूं. हादसे में घायल हुए लोगों को त्वरित रूप से बेहतर उपचार उपलब्ध करवाने के निर्देश दिए हैं. ईश्वर दिवंगतों की आत्मा को श्री चरणों में स्थान एवं शोकाकुल परिजनों को यह असीम दुःख सहन करने की शक्ति प्रदान करें.”
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एफएम/केआर