नई दिल्ली, 22 नवंबर . भारत में वेंचर कैपिटल (वीसी) फंडिंग में उछाल देखने को मिल रहा है, जबकि चीन में इस साल जनवरी-अक्टूबर की समान अवधि में मूल्य के हिसाब से वीसी फंडिंग में 26.8 प्रतिशत की भारी गिरावट देखी गई. एक रिपोर्ट में यह जानकारी सामने आई है.
जनवरी-अक्टूबर के दौरान चीन में 28.2 बिलियन डॉलर मूल्य के कुल 2,116 वेंचर कैपिटल (वीसी) फंडिंग सौदों की घोषणा की गई.
एक प्रमुख डेटा और एनालिटिक्स कंपनी ग्लोबलडेटा के अनुसार, “यह वीसी डील वॉल्यूम में सालाना आधार पर 22.5 प्रतिशत की गिरावट दर्शाता है, जबकि कुल घोषित फंडिंग मूल्य में 26.8 प्रतिशत की गिरावट आई है.”
एक विश्लेषण से पता चला है कि जनवरी से अक्टूबर 2023 तक, चीन में कुल 2,731 वीसी सौदों की घोषणा की गई, जिनका घोषित फंडिंग मूल्य 38.5 बिलियन डॉलर था.
चीन में घोषित 100 मिलियन डॉलर से अधिक या उसके बराबर मूल्य के वी.सी. सौदों की संख्या जनवरी-अक्टूबर 2023 के दौरान 70 से घटकर जनवरी-अक्टूबर 2024 के दौरान 50 हो गई.
ग्लोबलडाटा के प्रमुख विश्लेषक ऑरोज्योति बोस ने कहा, “कंपनियों पर कार्रवाई के साथ-साथ चल रहे संघर्ष, अनिश्चित बाजार स्थितियों और आर्थिक चुनौतियों ने निवेशकों की भावनाओं पर भारी असर डाला है.”
बोस ने बताया कि इसे इस तथ्य से भी समझा जा सकता है कि जनवरी-अक्टूबर 2023 की तुलना में जनवरी-अक्टूबर 2024 के दौरान चीन में बड़े सौदों की संख्या में गिरावट देखी गई.
जनवरी से अक्टूबर 2024 तक वैश्विक स्तर पर घोषित वी.सी. सौदों की कुल संख्या में चीन की हिस्सेदारी 15.4 प्रतिशत रही, जबकि संबंधित फंडिंग मूल्य के मामले में इसकी हिस्सेदारी 12.9 प्रतिशत रही.
बोस ने कहा कि इस गिरावट के बावजूद, चीन ने वैश्विक वीसी क्षेत्र में पर्याप्त उपस्थिति बनाए रखी है. सौदों की मात्रा और मूल्य दोनों के मामले में अमेरिका के ठीक बाद दूसरे स्थान पर है.
भारत में वीसी निवेशक निवेश के लिए ट्रेडिशनल सेक्टर जैसे फिनटेक, इलेक्ट्रिक वाहन और कंज्यूमर टेक्नोलॉजी पर ध्यान केंद्रित कर रहे हैं. इसमें मजबूत जनसांख्यिकी और अर्थव्यवस्था और वाइब्रेंट कैपिटल मार्केट की भूमिका अहम रही.
अक्टूबर में, भारत ने 91 सौदों में 4.7 बिलियन डॉलर के निजी इक्विटी/उद्यम पूंजी निवेश दर्ज करवाए, जो सितंबर से 40 प्रतिशत की वृद्धि को दर्शाता है. आईवीसीए-ईवाई मासिक पीई/वीसी राउंडअप के अनुसार, अक्टूबर में क्रेडिट निवेश प्रमुख डील प्रकार था.
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एसकेटी/केआर