![]()
गुरुग्राम, 21 नवंबर . Enforcement Directorate (ईडी) ने रियल एस्टेट कंपनी मेसर्स वाटिका लिमिटेड और उसके प्रमोटरों अनिल भल्ला और गौतम भल्ला के खिलाफ बड़ी कार्रवाई की है. ईडी के गुरुग्राम जोनल ऑफिस ने मनी लॉन्ड्रिंग के एक मामले में करीब 108 करोड़ रुपए कीमत के 1.35 एकड़ कमर्शियल प्लॉट को प्रोविजनली अटैच कर लिया है.
यह कार्रवाई दिल्ली Police की इकोनॉमिक ऑफेंस विंग में 2021 में दर्ज कई First Information Report के आधार पर हुई है. इन First Information Report में वाटिका लिमिटेड पर निवेशकों से धोखाधड़ी, आपराधिक साजिश और बेईमानी करने के गंभीर आरोप लगे थे. ईडी ने प्रिवेंशन ऑफ मनी लॉन्ड्रिंग एक्ट (पीएमएलए) 2002 के तहत जांच शुरू की तो चौंकाने वाले तथ्य सामने आए.
कंपनी निवेशकों को लुभावने ऑफर देती थी. कहा जाता था कि अभी पैसा लगाओ, प्रोजेक्ट पूरा होने तक हर महीने तय रिटर्न मिलेगा और बाद में दुकान या ऑफिस का लीज रेंट भी मिलेगा. लेकिन, बीच में ही कंपनी ने रिटर्न देना बंद कर दिया और यूनिट्स की डिलीवरी भी नहीं की. साथ ही कई प्रोजेक्ट्स के लाइसेंस समय पर रिन्यू नहीं करवाए गए और प्रोजेक्ट तय समय में पूरे नहीं हुए.
ईडी की जांच में पता चला कि चार प्रोजेक्ट्स में कुल 659 निवेशकों ने लगभग 248 करोड़ रुपए लगाए थे. ये प्रोजेक्ट हैं, वाटिका इंटेक्स सिटी सेंटर (टावर डी, ई और एफ) गुरुग्राम, वाटिका माइंडस्केप्स टावर-सी फरीदाबाद, वाटिका टावर्स टावर-सी गुरुग्राम और वाटिका हाई स्ट्रीट गुरुग्राम.
कई साल बीत जाने के बाद भी ये प्रोजेक्ट या तो अधर में लटके हैं या कंपनी ने उन्हें टाल दिया है. आज तक एक भी निवेशक को कन्वेयंस डीड नहीं मिली है. इससे पहले ईडी ने इसी केस में 68.59 करोड़ रुपए की संपत्ति अटैच की थी. अब नई अटैचमेंट के साथ कुल कुर्क संपत्ति की कीमत करीब 176 करोड़ रुपए हो गई है.
21 मई 2025 को ईडी ने गुरुग्राम की स्पेशल पीएमएलए कोर्ट में वाटिका लिमिटेड, अनिल भल्ला, गौतम भल्ला और ग्रुप की अन्य कंपनियों के खिलाफ प्रॉसिक्यूशन कंप्लेंट भी दाखिल कर दी है. जांच अभी जारी है और आगे भी सख्त कार्रवाई होने की संभावना है.
–
एसएचके/एबीएम