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वसई, 19 नवंबर . Maharashtra के वसई पूर्व के सातीवली इलाके में 6वीं की छात्रा को 100 उठक-बैठक की कठोर सजा देने वाली शिक्षिका ममता यादव पर आखिरकार Police ने मामला दर्ज कर लिया है. छात्रा की इलाज के दौरान मौत के बाद पहले एडीआर दर्ज किया गया था, लेकिन पोस्टमार्टम रिपोर्ट और परिजनों की शिकायत के आधार पर अब शिक्षिका के खिलाफ बीएनएस की धाराओं में गंभीर अपराध दर्ज किया गया है.
वरिष्ठ Police निरीक्षक दिलीप घुगे ने बताया कि 8 नवंबर को देर से आने पर शिक्षक ने कई बच्चों को 100 उठक-बैठक की सजा दी थी. बैग कंधे पर लटकाए हुए यह 13 वर्षीय छात्रा भी सजा पूरी करती रही. घर लौटने के बाद बच्ची की तबीयत तेजी से बिगड़ी. परिजनों ने पहले वसई के अस्पताल में भर्ती कराया, फिर हालत गंभीर होने पर उसे Mumbai के जे.जे. अस्पताल रेफर किया गया, जहां कई दिनों तक जिंदगी से जूझने के बाद उसकी मौत हो गई.
घटना के बाद वसई–विरार में आक्रोश फैल गया है. परिजनों ने निष्पक्ष जांच और दोषियों पर कठोर कार्रवाई की मांग की है. Police ने जांच तेज कर दी है और शिक्षिका ममता यादव की भूमिका को मुख्य रूप से जांच में शामिल किया है.
दरअसल, Maharashtra के वसई में एक 12 वर्षीय छात्रा की संदिग्ध मौत ने स्थानीय प्रशासन और शिक्षा विभाग को सकते में डाल दिया. परिजनों ने स्कूल प्रशासन पर बच्चे को परेशान करने का आरोप लगाया, जिससे बच्चे की मौत हो गई है.
यह घटना वसई पूर्व के सातिवली स्थित श्री हनुमंत विद्या मंदिर की है, जहां कक्षा 6 में पढ़ने वाली छात्रा की हालत स्कूल से लौटने के बाद अचानक खराब हो गई थी.
घटना 8 नवंबर की बताई जा रही है. उस दिन छात्रा स्कूल कुछ देर से पहुंची थी, जिसके चलते शिक्षिका ने उसे और कुछ अन्य छात्रों को स्कूल बैग कंधे पर रखकर 100 बार उठक-बैठक करने की सजा दी.
परिजनों के अनुसार, घर लौटते ही छात्रा ने थकान और अस्वस्थता की शिकायत की थी. थोड़ी ही देर में उसकी स्थिति गंभीर होने लगी, जिसके बाद परिवार उसे वसई के आस्था अस्पताल ले गया. हालत नाजुक होने पर उसे Mumbai के जेजे अस्पताल रेफर किया गया, जहां Saturday रात उसका निधन हो गया.
छात्रा की मौत के बाद परिवार ने स्कूल प्रबंधन और शिक्षिका पर गंभीर आरोप लगाते हुए कहा कि सजा की वजह से ही उनकी बच्ची की जान गई. वे इस मामले में कठोर कार्रवाई की मांग कर रहे हैं.
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एमएस/डीकेपी