चंडीगढ़, 15 दिसंबर . देश के प्रसिद्ध रॉक गार्डन के संस्थापक पद्म श्री नेकचंद की 100वीं जयंती पर युवा कलाकार वरुण टंडन ने एक अनूठी कलाकृति के माध्यम से उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित की. वरुण टंडन ने इस अवसर पर मिट्टी जैसे पर्यावरण के अनुकूल और सस्टेनेबल सामग्री का उपयोग करके एक विशाल चित्रण तैयार किया. यह चित्रण पद्म श्री नेक चंद की भावना और उनके योगदान को दर्शाता है.
वरुण टंडन की यह कलाकृति चंडीगढ़ स्थित बींगा भवन के प्रदर्शनी हॉल में प्रदर्शित की गई, जहां यह आकर्षण का केंद्र बना हुआ है. इसमें मिट्टी से बने 3डी पोर्ट्रेट को बड़ी ही बारीकी से तैयार किया गया है. प्रदर्शनी में वरुण टंडन ने कई रचनाओं को भी प्रदर्शित किया, जिनमें सस्टेनेबल आर्टवर्क का शानदार संग्रह था.
वरुण टंडन ने अपनी कलाकृतियों के माध्यम से नेकचंद के अद्वितीय दृष्टिकोण को उजागर किया. इस दौरान से बातचीत करते हुए उन्होंने कहा कि नेकचंद का कार्य हमेशा हमें यह सिखाता है कि कला का कोई भी रूप किसी भी वस्तु से प्रेरित हो सकता है. उनकी रचनाओं में हर पत्थर में एक कहानी थी और वह दृश्यता को महसूस करने का तरीका जानते थे. उनकी कड़ी मेहनत और सृजनात्मकता से ही रॉक गार्डन जैसे अद्भुत स्थान का निर्माण हुआ.
वरुण टंडन ने प्रदर्शनी में कुल पांच पोर्ट्रेट्स पेश किए, जो नेकचंद के जीवन और उनके कार्यों को दर्शाते थे. प्रत्येक पोर्ट्रेट में नेकचंद के अद्वितीय निर्माण और रॉक गार्डन के डिजाइन तत्वों को शामिल किया गया था.
इस प्रदर्शनी के दौरान नेक चंद के बेटे अनुज सैनी भी पहुंचे और उन्होंने वरुण टंडन की कलाकृतियों की सराहना की. उन्होंने वरुण को अपने पिता के सम्मान में एक छोटा सा शिल्पकला का टुकड़ा भेंट किया, जो नेकचंद की यादों का प्रतीक बन गया.
वरुण टंडन ने बताया कि नेकचंद के जीवन की प्रेरणा हमें यह सिखाती है कि कला केवल दृश्य सौंदर्य नहीं होती, बल्कि वह एक विचार, एक संदेश और समाज को जागरूक करने का माध्यम भी होती है. उन्होंने हमें यह सिखाया कि कैसे साधारण वस्तुओं को कला में बदल सकते हैं और उनका पुनर्निर्माण कर सकते हैं.
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पीएसके/एकेजे