वर्षा गायकवाड़ ने की नितेश राणे के इस्तीफे की मांग, बोलीं- संविधान के बारे में उन्हें नहीं कोई जानकारी

Mumbai , 19 जुलाई . Maharashtra कांग्रेस की वरिष्ठ नेता और सांसद वर्षा गायकवाड़ ने राज्य Government में मंत्री नितेश राणे के हालिया बयानों को लेकर तीखी आलोचना की है और उनके इस्तीफे की मांग की है.

गायकवाड़ ने कहा कि नितेश राणे को न तो संविधान की समझ है और न ही धर्म का ज्ञान. उन्होंने राणे पर समाज में वैमनस्य फैलाने का आरोप लगाते हुए कहा कि उनके बयान सामाजिक सद्भाव को नुकसान पहुंचा रहे हैं.

वर्षा गायकवाड़ ने कहा, “नितेश राणा हिंदू धर्म के ठेकेदार नहीं है. उन्हें धर्म के बारे में अध्ययन करना चाहिए. उन्हें पता होना चाहिए कि हर धर्म मानवता और सद्भावना सिखाता है. वह जिस तरह से अपने बयानों के जरिए समाज का वातावरण खराब करने की कोशिश कर रहे है, वो बेहद दुर्भाग्यपूर्ण है. मैं सीएम देवेंद्र फडणवीस से पूछना चाहता हूं कि क्या वह नितेश राणा के बयान का समर्थन करते है.”

उन्होंने आगे कहा कि नितेश राणा कई पार्टी बदलकर भाजपा में आए है. आप एक संवैधानिक पद पर बैठे हुए है. आपने संविधान के तहत मंत्री पद की शपथ ली है. ऐसे में आप पहले संविधान का सम्मान करना सीखिए. यह बेहद चिंताजनक है कि एक मंत्री स्तर का व्यक्ति इस तरह की टिप्पणियां कर रहा है.

वर्षा गायकवाड़ ने जोर देकर कहा कि राज्य Government की जिम्मेदारी सभी समुदायों के बीच एकता और समन्वय सुनिश्चित करने की होनी चाहिए. उन्होंने कहा, “Maharashtra की प्रगति के लिए सभी समुदायों को साथ मिलकर चलना होगा. संविधान ने सभी को समान अधिकार दिए हैं.”

भाषा के मुद्दे पर भी गायकवाड़ ने अपनी बात रखी. उन्होंने कहा कि Maharashtra में मराठी भाषा का सम्मान किया जाता है और हिंदी सहित अन्य भाषाओं का भी सम्मान होना चाहिए. किसी एक भाषा को थोपना गलत है और इससे कोई विवाद नहीं होना चाहिए. भाषा के नाम पर लोगों को पीटना अस्वीकार्य है. संविधान किसी को भी दूसरों पर हिंसा करने का अधिकार नहीं देता.

एकेएस