गाजियाबाद, 4 जुलाई . दिल्ली-गाजियाबाद-मेरठ आरआरटीएस कॉरिडोर पर यात्रियों की सुविधा के लिए लास्ट माइल कनेक्टिविटी को और भी बेहतर बनाने के लिए जल्द ही फीडर बस, कैब, ऑटो रिक्शा के साथ रेंटल दुपहिया वाहन और साइकिल भी उपलब्ध होंगी.
आरआरटीसी स्टेशन पर लोगों के लिए कनेक्टिविटी को और भी बेहतर और सुव्यवस्थित करने के लिए एनसीआरटीसी निरंतर फीडर ऑपरेटर्स, कैब, ऑटो रिक्शा और बाइक टैक्सी सेवाएं देने वाली कंपनियों से संपर्क कर रही है.
एनसीआरटीसी की तरफ से यह व्यवस्था दिल्ली से लेकर मेरठ तक के सभी 25 स्टेशनों के लिए की जाएगी. ‘नमो भारत ट्रेन’ का संचालन शुरू होने के साथ ही लास्ट माइल कनेक्टिविटी लोगों को मिले, इसके लिए यात्रियों को स्टेशनों पर रेंटल दुपहिया वाहन और रेंटल साइकिल की सुविधा उपलब्ध कराने के लिए भी प्रयास जारी हैं.
वर्तमान में साहिबाबाद से लेकर मोदी नगर नॉर्थ तक 34 किमी के सेक्शन में नमो भारत ट्रेनों का संचालन जारी है. इस सेक्शन में आने वाले स्टेशनों पर यात्रियों की सुविधा के लिए एनसीआरटीसी ने गाजियाबाद सिटी ट्रांसपोर्ट सर्विसेस लिमिटेड की इलेक्ट्रिक बसों को उपलब्ध कराया है. जिसके अंतर्गत साहिबाबाद, गाजियाबाद, डीपीएस राजनगर गुलधर, दुहाई, मुरादनगर, मोदी नगर साउथ और मोदी नगर नॉर्थ स्टेशनों पर अलग-अलग 7 रूटों पर इलेक्ट्रिक बसें लोगों को सुविधा दे रही हैं.
इसके साथ ही यात्रियों की सुविधा के लिए रैपिडो टैक्सी की सुविधा भी उपलब्ध है. आरआरटीएस कॉरिडोर पर नमो भारत ट्रेनों के यात्रियों के लिए रैपिडो बाइक टैक्सी का उपयोग करने पर किराए में 10 प्रतिशत का डिस्काउंट दिया जा रहा है. फिलहाल यह सुविधा गाजियाबाद और साहिबाबाद आरआरटीएस स्टेशनों पर उपलब्ध है और जल्द ही अन्य स्टेशनों पर भी यात्रियों के लिए यह सुविधा उपलब्ध होगी.
एनसीआरटीसी की एक और पहल भी इसी दिशा में जारी है. जिसके मुताबिक स्टेशनों के आसपास यात्रियों के कुछ देर के लिए आने-जाने पर रेंटल दुपहिया वाहनों और रेंटल साइकिल की भी व्यवस्था होगी. यात्री घंटों के हिसाब से भुगतान करके इस सुविधा का लाभ उठा सकेंगे और कार्य समाप्त होने पर वाहन या साइकिल को वापस स्टेशनों में बने वाहन, साइकिल पॉइंट पर खड़ा करके नमो भारत ट्रेनों से आगे की यात्रा कर सकेंगे.
एनसीआरटीसी के इन प्रयासों से एक बेहतर और फ्रेंडली ट्रांसपोर्ट सिस्टम तैयार होगा, जिससे प्रदूषण में तो कमी आएगी ही, साथ ही सड़क पर होने वाली दुर्घटनाओं में भी कमी लाई जा सकेगी.
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पीकेटी/एबीएम