वाराणसी: संस्कृत और तमिल भारत की आत्मा हैं: सीएम योगी आदित्यनाथ

वाराणसी, 31 अक्टूबर . उत्तर प्रदेश के Chief Minister योगी आदित्यनाथ Friday को काशी नाटकोट्टई नगर क्षेत्रम में निर्मित धर्मशाला के उद्घाटन समारोह में शामिल हुए. इस दौरान बतौर मुख्य अतिथि देश के उपPresident सीपी राधाकृष्ण भी मौजूद रहे. Chief Minister योगी आदित्यनाथ ने ‘वनक्कम काशी’ से अपने संबोधन को शुरू करते हुए कहा कि काशी में गंगा नदी से लेकर तमिलनाडु की कावेरी नदी तक हमारी साझी परंपरा ये याद दिलाती है कि भाषाएं भले ही अलग हों, India की आत्मा एक ही है जो शाश्वत, समावेशी और अटूट है.

Chief Minister ने कहा कि ये हमारे लिए सुखद संयोग है कि यूपी की इस यात्रा में उपPresident बाबा विश्वनाथ की नगरी काशी और Prime Minister Narendra Modi के संसदीय क्षेत्र में पधारे हैं. श्रीकाशी नाटकोट्टई नगर क्षेत्रम मैनेजिंग सोसाइटी द्वारा निर्मित धर्मशाला का उद्घाटन उपPresident द्वारा हुआ है. यह श्रद्धालुओं को रहने की सुविधा उपलब्ध कराएगी. साथ ही काशी और तमिलनाडु के प्राचीन सांस्कृतिक संबंधों को सुदृढ़ करेगी.

उन्होंने कहा कि भगवान श्रीराम द्वारा रामेश्वरम धाम में स्थापित पावन ज्योतिर्लिंग और काशी में विराजमान भगवान आदि विश्वेश्वर ज्योतिर्लिंग, यह एक-दूसरे के रूप में पूजित हैं. काशी विश्वनाथ और रामेश्वरम दोनों भगवान शिव के दिव्य स्वरूप हैं. यह उत्तर और दक्षिण India की सांस्कृतिक एकात्मता का सुंदर सार भी प्रस्तुत करता है. भगवान श्रीराम और भगवान शिव के माध्यम से निर्मित इस संबंध सेतु को आदि शंकराचार्य ने India के चारों कोनों में पवित्र पीठ की स्थापना कर आगे बढ़ाया. आदि शंकराचार्य ने काशी में आकर ज्ञान प्राप्त किया और संपूर्ण India को अद्वैत दर्शन का संदेश दिया. काशी ने उन्हें आत्मज्ञान दिया और उन्होंने आत्मबोध दिया. यह परंपरा हमें संतुलन और विवेक का संदेश देती है.

Chief Minister ने कहा कि ये हमारा सौभाग्य है कि आदिकाल से चली आ रही इस शाश्वत परंपरा को आज देश के यशस्वी Prime Minister Narendra Modi गति प्रदान कर रहे हैं. उनके नेतृत्व में देश की गौरवशाली आस्था के प्रति सम्मान के पुनर्स्थापना का कार्य आगे बढ़ रहा है. तमिलनाडु में तेनकाशी में भगवान विश्वनाथ का प्राचीन मंदिर है. तेनकाशी का अर्थ है दक्षिण की काशी. पांड्य देश के सम्राट श्रीहरि केशरी परिकराम पांडयन ने काशी से ज्योतिर्लिंग लाकर तेनकाशी में स्थापना की. तमिलनाडु में शिवकाशी नामक एक पवित्र स्थान भी है.

सीएम योगी ने बताया कि काशी और तमिलनाडु में भारतीय संस्कृति के सभी तत्व समान रूप से संरक्षित हैं. India में संस्कृत भाषा और तमिल साहित्य सबसे प्राचीन साहित्य हैं. समस्त भारतीय भाषाएं और उनके साहित्य सभी को अपने में समाहित करते हैं. समावेशी सांस्कृतिक प्रेरणा के ये स्रोत समाज में सद्भाव और समरसता बनाए हुए हैं.

सीएम योगी ने कहा कि भगवान श्रीराम की भक्ति के लिए अपना पूरा जीवन समर्पित करने वाले दक्षिण India के पूज्य संतों में श्री त्यागराज स्वामी, श्री पुरंदरदास स्वामी तथा श्री अरुणाचल कवि की अभी इसी माह प्रतिमा की स्थापना केंद्रीय वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण के साथ हमने अयोध्या धाम में की है. इससे पूर्व विशिष्टाद्वैत के प्रवर्तक संत रामानुजाचार्य की प्रतिमा की स्थापना भी अयोध्या में हुई है. पीएम मोदी के मार्गदर्शन और नेतृत्व में 500 वर्षों का इंतजार समाप्त करते हुए अयोध्या धाम में भव्य श्रीराम मंदिर का निर्माण करते हुए चार प्रमुख द्वारों के नामकरण जगद्गुरू शंकराचार्य, जगद्गुरू रामानुजाचार्य, जगद्गुरू रामानंदाचार्य और जगद्गुरू माधवाचार्य के नाम पर अयोध्या में किया गया है.

उन्होंने कहा कि काशी की आत्मा सनातन है और आत्मीयता वैश्विक है. Prime Minister मोदी के नेतृत्व में काशी आज समग्र विकास के नए प्रतिमान को स्थापित कर रही है, जिसमें काशी की पुरातनता के साथ-साथ आधुनिकता का संगम है. काशी के समीप सारनाथ में भगवान बुद्ध ने अपना पहला उपदेश दिया. गुरु नानक जी ने काशी आकर मानवता का संदेश दिया.

सीएम योगी ने कहा कि काशी में अब भक्ति के साथ साथ विकास भी है. यह संतुलन इस पावन नगरी की विशेषता है. श्रीकाशी विश्वनाथ धाम इसका एक जीवंत उदाहरण है. इसने न केवल मंदिर क्षेत्र का कायाकल्प किया बल्कि श्रद्धा को आधुनिक सुविधा से जोड़कर एक नई सांस्कृतिक दृष्टि दी है.

Chief Minister ने बताया कि विगत वर्षों में काशी में 51 हजार करोड़ रुपए की विकास परियोजनाएं स्वीकृत हुई हैं, जिसमें से 34 हजार करोड़ की योजनाओं का लोकार्पण Prime Minister के कर कमलों से संपन्न हो चुका है और 16 हजार करोड़ से अधिक की परियोजनाएं विभिन्न स्टेज में चल रही हैं. आज रोड, रेल, एयर और जल मार्ग की बेहतरीन कनेक्टिविटी यहां के जीवन को सरल बना रही है.

विकेटी/डीकेपी