दिल्ली ट्रेड फेयर : ‘पीएमईजीपी’ की सहायता से गुड़ का सफल कारोबार कर रहा वाराणसी का उद्यमी

नई दिल्ली, 18 नवंबर . राष्ट्रीय राजधानी नई दिल्ली के भारत मंडपम में 43 वें भारत अंतर्राष्ट्रीय व्यापार मेले का आयोजन हो रहा है. इसमें 11 देश हिस्सा ले रहे हैं. वहीं, इसके हॉल नंबर छह, खादी पवेलियन में वाराणसी के एक युवा कारोबारी ने गुड़ का स्टॉल लगाया है, जिसने सोमवार को से खास बातचीत के दौरान बताया कि ‘प्रधानमंत्री रोजगार सृजन कार्यक्रम’ (पीएमईजीपी) से उसको बहुत आर्थिक लाभ मिला है.

भारत मंडपम में लगे 43 वें भारत अंतर्राष्ट्रीय व्यापार मेले के हॉल नंबर छह के खादी पवेलियन में वाराणसी के रहने वाले अवधेश मौर्य ने गुड़ का स्टॉल लगाया है. उन्होंने से बात करते हुए अपनी कहानी बताई. उन्होंने बताया कि वाराणसी में एक छोटे से गांव में वो ‘प्रधानमंत्री रोजगार सृजन कार्यक्रम’ (पीएमईजीपी) के तहत गुड़ बनाने का काम करते हैं.

उन्होंने बताया कि पहले उनकी आर्थिक स्थित बहुत ही खराब थी, भोजन भी परेशानी उठानी पड़ती थी. उस समय बैंक अकाउंट में पैसों का ट्रांजैक्शन नहीं था, तो बैंक ने लोन देने से मना कर दिया था. इसके बाद धीरे-धीरे लोगों को विश्वास दिलाया गया और साल 2017 में 15 लाख रुपये का लोन मिला. इसके बाद मैंने बहुत मेहनत की, हालांकि लोन से डर भी लगता था कि अगर समय पर लोन नहीं चुका पाएंगे, तो अपना कारोबार कैसे बढ़ाऊंगा. लेकिन दृढ़ निश्चय होकर काम करता रहा और आज कंपनी का सालाना टर्नओवर करोड़ों में है.

उन्होंने बताया कि आज बड़ी-बड़ी कंपनियां जैसे रिलायंस, स्पेंसर और मोर रिटेल में जुड़ने की कोशिश कर रहा हूं. लोकल में भी इसकी बहुत मांग है. मेरे फर्म का नाम ‘लालजी फूड्स’ और ब्रांड नेम ‘खगराज’ है.

उन्होंने बताया ‘पीएमईजीपी’ के जरिए सरकार अच्छा काम कर रही है. हमें इस स्कीम की जानकारी एक प्रदर्शनी के दौरान मिली थी. मुझे पता चला कि इस स्‍कीम के तहत अगर गांव के रहने वाले व्यक्ति को 35 प्रतिशत और शहर के व्यक्ति को 25 प्रतिशत सब्सिडी मिलती है. मैंने 15 लाख रुपये का लोन लिया. इसमें 5,25,000 रुपये की सब्सिडी मिल गई. आज बहुत अच्छा अनुभव हो रहा है.

उन्होंने बताया कि लोगों को गुड़ के बारे में जागरूक कर रहा हूं. लोगों को चीनी से दूर रखने और गुड़ से जोड़ने की कोशिश की जा रही है. हमारे यहां गुड़ का प्रयोग सदियों से होता आ रहा है. खाने से पहले इसको हवन में उपयोग करते हैं. ऐसे में गुड़ को अपनी दिनचर्या में लाने के लिए लोगों को जागरूक कर रहा हूं.

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